पटना, १३ अक्टूबर। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का १०४ वाँ स्थापना दिवस समारोह, अब १९ अक्टूबर के स्थान पर आगामी २० नवम्बर को आयोजित होगा। इस अवसर पर हिन्दी की अत्यंत मूल्यवान सेवा करने वाले एक मनीषी विद्वान को ‘विद्या-वाचस्पति’ तथा दो विद्वानों को’विद्या-वारिधि’ की मानद उपाधि से अलंकृत किया जाएगा। इसके साथ ही अन्य अलंकरणों से विभूषित होंग़े हिन्दी-सेवी। इसी दिन सम्मेलन के नए पुस्तकालय का भी लोकार्पण किया जाएगा।सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने यह जानकारी देते हुए बताया कि, गत बुधवार को संपन्न हुई, सम्मेलन की कार्य समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित कर यह निर्णय लिया गया है। समारोह की तिथि बढ़ाने का निर्णय दीपावली-छठ आदि आगामी पूजा-उत्सवों को ध्याम में रख कर किया गया है।डा सुलभ के अनुसार समारोह के पूर्वार्द्ध में सम्मेलन की सर्वाधिकारिणी स्थाई समिति की बैठक संपन्न होगी। संध्या में सांस्कृतिक-उत्सव आयोजित होंग़े, जिसमें साहित्य आधृत नृत्य-नाटिका की भी प्रस्तुति होगी। समारोह के उद्घाटन हेतु इस वर्ष नागालैंड के महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया जा रहा है। इस अवसर पर देश की अनेक सारस्वत विभूतियों की भी उपस्थिति होगी।बैठक में, सम्मेलन के उपाध्यक्ष और बिहार के पूर्व विशेष सचिव डा उपेंद्रनाथ पाण्डेय, डा शंकर प्रसाद, प्रो मधु वर्मा, डा कल्याणी कुसुम सिंह, सम्मेलन के प्रधानमंत्री डा शिववंश पाण्डेय, भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी बच्चा ठाकुर, डा पुष्पा जमुआर, डा शालिनी पाण्डेय, जय प्रकाश पुजारी, आराधना प्रसाद, कृष्णरंजन सिंह, चंदा मिश्र, डा नागेश्वर प्रसाद यादव, डा मेहता नगेंद्र सिंह, कुमार अनुपम, ज्ञानेश्वर शर्मा, बाँके बिहारी साव आदि सम्मेलन के अधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।