सौरभ निगम -लखनऊ- 21 अक्टूबर 2022, गोमती नगर, विभूति खण्ड स्थित सीआरपीएफ के मध्य सेक्टर कार्यालय के प्रांगण में गरिमामयी ढंग से पुलिस स्मृति दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सभी अधिकारी एवं अधीनस्थ अधिकारी तथा जवान अपने सुसज्जित वर्दी में उपस्थित हुए तथा शहीदों को सलामी दी गयी एवं देश के सभी पुलिस कर्मियों की शहादत को याद करते हुए 02 मिनट की मौन श्रद्धांजलि भी अर्पित की गयी। सभी अधिकारियों एवं जवानों को श्री राजेश खुराना, भा0पु0से0, महानिरीक्षक द्वारा संबोधित किया गया। श्री खुराना ने इस अवसर पर 01 सितम्बर, 2021 से लेकर 31 अगस्त, 2022 तक 01 वर्ष में पूरे देश के सभी शहीद पुलिस कर्मियों के नामों को पढ़कर सुनाया तथा यह अवगत कराया कि गत वर्ष देश की आन्तरिक सुरक्षा तथा एकता एवं अखंडता बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ के 30 शूरवीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। इस अवसर पर महानिदेशक, केरिपुबल के संदेश से अवगत कराते हुए उन्होंने अपने ओजस्वी वक्तव्य में बताया कि 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर वे सभी अपने शहीद हुए सथियों को स्मरण करते हुए उनके द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान के प्रति उनको अन्तर्मन से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। वर्ष 1959 में आज ही के दिन सी0आर0पी0एफ की तीसरी बटालियन की मात्र एक कम्पनी के 21 जवानों के गश्ती दल ने ’हॉट-स्प्रिंग’, लद्दाख में चीनी सेना के एक बहुत बड़े दस्ते के आक्रमण को विफल किया तथा मातृभूमि की रक्षा करते हुए सीआरपीएफ के 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी। सीआरपीएफ के लिए यह गौरव की बात है कि उनके इन निर्भीक और पराक्रमी जवानों के बलिदान को राष्ट्रीय स्तर पर ”पुलिस स्मृति दिवस“ के रूप में मनाया जाता है। सीआरपीएफ बहादुरों का बल है, जिन्होंने समय-समय पर अपनी वीरगाथाओं से इस बल के इतिहास और वर्तमान को समृद्ध किया है। उन्होंने आगे बताया कि सीआरपीएफ एक विशाल बल है जोकि एक बहती हुई नदी के समान अपने पथ में आने वाली हजारों बाधाओं को बिना रूके पार करते हुए अपने लक्ष्य की ओर अनवरत बढ़ता रहता है। देश की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी तथा सम्पूर्ण देश का विश्वास उनके साथ है, जो उन्हें लगातार संबल देता है। चाहे उन्हें जान की बाजी ही क्यों न लगानी पड़े, उन्हें हर कीमत पर देश के विश्वास को अटूट रखना है। बल के शहीदों का सर्वोच्च बलिदान उन्हें न केवल गर्व की अनुभूति कराता है, बल्कि अपने कर्तव्य पथ पर शौर्य एवं बलिदान की भावना के साथ अग्रसर होने की सदैव प्रेरणा भी देता है। इस पावन अवसर पर उन्होने बल के सभी शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया है, जिन्होंने देश की गरिमा, एकता एवं अखण्डता पर कभी आंच नहीं आने दिया तथा अपने प्राणों की आहुति देकर भी अपने कर्तव्यों को निभाया एवं उनके परिवारजनों को शत-शत नमन किया। संसद हो या अयोध्या या जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर या छत्तीसगढ़ में नक्सल उग्रवादियों के हमले, प्रत्येक को विफल करते हुए मुंहतोड़ जवाब देना सीआरपीएफ की पहचान बन चुका है। यही कारण है कि आज प्रत्येक राज्य सभी अर्धसैनिक बलों में से सीआरपीएफ की मांग सबसे पहले करते हैं। इस स्मृति दिवस समारोह में श्री राजीव रंजन, भा0पु0से0, पुलिस उप महानिरीक्षक, श्री एच0के0कनौजिया, पुलिस उप महानिरीक्षक, श्री सुनील कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक एवं अन्य अधिकारीगण तथा अधीनस्थ अधिकारी एवं जवान शामिल हुए।