कौशलेन्द्र पाराशर की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट-दिल्ली /तेजस्वी बनेगें बिहार का मुख्यमंत्री और CM नितीश बनेगें नई पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, JDU -RJD बनेगा राष्ट्रीय पार्टी बन देगा BJP को राष्ट्रीय स्तर पर टक्कर. सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय जनता दल ने अपना संविधान संशोधन कर तेजस्वी यादव को पार्टी का पूरा अधिकार दे दिया है. राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू यादव के बाद पार्टी के स्तर पर किसी तरह का बड़ा निर्णय तेजस्वी लेने में अब सक्षम है. दूसरी तरफ नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के लिए लालायित हैं.CM नीतीश कुमार के राजनीतिक सलाहकार यह मानते हैं कि अगर जनता दल यूनाइटेड- राष्ट्रीय जनता दल का मिलन हो जाता है तो राष्ट्रीय स्तर पर नीतीश कुमार का बढ़ा कद हो जाएगा. नीतीश कुमार भी तेजस्वी यादव को बेहद पसंद करते हैं और अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी मानते हैं.नीतीश कुमार महागठबंधन में आने के बाद से ही 24 के चुनाव के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के मिशन में लग गए हैं जो राष्ट्रीय राजनीति में उनकी दिलचस्पी का इशारा है।RJD सुप्रीमो लालू भी यही चाहते होंगे कि तेजस्वी बिहार में मुख्यमंत्री बनें और नीतीश दिल्ली की राजनीति करें। इसी राजनीतिक सेट-अप को तैयार करने के लिए आरजेडी और जेडीयू को मिलाकर एक बड़ी और मजबूत पार्टी बनाने की कोशिश हो सकती है।JDU और RJD के मिलने से बनने वाली नई पार्टी के पास विधानसभा में 123 विधायकों का समर्थन होगा जो बहुमत से ज्यादा है।बिहार विधानसभा में पार्टी जितनी बड़ी होगी, ऑपरेशन LOTAS का खतरा उतना ही कम होगा। जेडीयू के 45 विधायकों में दो तिहाई को तोड़ना जितना आसान होगा, उतना आसान 123 विधायकों की पार्टी को तोड़ना नहीं रहेगा। CM नीतीश और RJD सुप्रीमो लालू दोनों अपने विधायकों, सांसदों और अपनी-अपनी पार्टियों को भाजपा के आक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए एकजुट ही नहीं एक होने की कोशिश कर सकते हैं। महागठबंधन में दोनों दलों का बने रहना इसके लिए काफी नहीं है। दोनों का एक हो जाना मजबूरी है।RJD और JDU के विलय से नई पार्टी का गठन दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में पर्याप्त चर्चा है कि 2023 में RJD सुप्रीमो लालू यादव और JDU सुप्रीमो नीतीश कुमार JDU और RJD के विलय के साथ एक नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं।RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा भी था कि 2023 में DCM तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाकर नीतीश दिल्ली की राजनीति करेंगे।CM नीतीश कुमार जिस कद के नेता हैं, उन्हें ये फॉर्मूला कतई कबूल नहीं होगा कि आरजेडी में विलय करके जेडीयू अपना अस्तित्व खत्म कर ले और आरजेडी बनी रहे. JDU सुप्रीमो नीतीश कुमार का प्रयास रहेगा कि जेडीयू और आरजेडी के अभी लेकर एक नई पार्टी के गठन किया जाए और नए चुनाव निशान के साथ जनता के बीच जाएं. इससे न जनता और न कार्यकर्त्ता में भ्रम की स्थिति होगी. इस परिस्थिति में राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड दोनों मजबूत होकर भरेगा. अगर दोनों का विलय नहीं होता है तो तो हमेशा जनता दल यूनाइटेड हो राष्ट्रीय जनता दल की सरकार पर खतरे का घंटे लगातार बजता रहेगा. कभी राष्ट्रीय जनता दल या जनता दल यूनाइटेड अपनी राह अलग कर सकते हैं. सूत्रों का मानना है कि नीतीश कुमार अपने अंतिम चुनावी पारी खेल रहे हैं. इसलिए नीतीश कुमार भी कुछ आश्चर्यजनक करना चाहते हैं. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी भी तेजस्वी यादव पर सॉफ्ट रुख रखी हुई है. भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार सीएम नीतीश पर हमलावर है ना कि तेजस्वी पर.