पटना, २५ अक्टूबर। भारत के सभी राजनीतिज्ञों, अधिकारियों और नागरिकों में चारित्रिक गुणों और पवित्रता का विकास हो, देश के राष्ट्रीय जीवन में आनंद और उन्नति हो, शांति और सद्भावना हो, की मंगलकामना के साथ, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में प्रकाश-पर्व दीपावली का उत्सव मनाया गया।इस अवसर पर अपनी शुभाशंसा प्रकट करते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कहा कि दीपोत्सव हमें यह संदेश देता है कि प्रत्येक मनुष्य को अपने ‘अंतर के दीप’ को प्रज्वलित करना चाहिए। तभी अंतर और बाह्य-जगत के सभी प्रकार के अंधकार मिटते हैं। यह पर्व, केवल राक्षसी प्रवृतियों पर रामत्व के विजय का अभिनन्दन भर नहीं है, यह आत्म-तत्त्व के प्रकाशित करने का संकल्प भी है। यह आवश्यक है कि जिनके हाथों में सत्ता, शक्तियाँ और अधिकार हैं, उन्हें चरित्रवान और गुणवान होना होगा। तभी राष्ट्रीय जीवन में गुणात्मक उन्नति हो सकेगी,अन्यथा भौतिक उन्नति के सभी संसाधन लोक-अहितकारी सिद्ध होंगे।दीपोत्सव में सम्मेलन के प्रबंधमंत्री कृष्णरंजन सिंह, संगठन मंत्री डा शालिनी पाण्डेय, भवन अभिरक्षक डा नागेश्वर प्रसाद यादव, राम प्रवेश ठाकुर, सिद्धार्थ यादव, दिगम्बर जायसवाल, अमरेन्द्र कुमार, महेश प्रसाद आदि साहित्यकार और सम्मेलन कर्मी सम्मिलित हुए।