धीरेन्द्र वर्मा -दिल्ली ब्यूरो से रिपोर्ट / सुप्रीम कोर्ट की सुप्रीम टिप्पणी – अनिश्चितकालीन आरक्षण खत्म होना चाहिए. संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी आरक्षण व्यवस्था पर फिर से विचार करने की सख्त जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% कोटा बरकरार रखते हुए कई अहम बातें कहीं. संविधान पीठ में शामिल 2 जजों ने आरक्षण के लिए समय सीमा की आवश्यकता पर भी टिप्पणी की. संविधान पीठ ने कहा कि आरक्षण का मकसद सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना है. लेकिन ये अंशित कब तक जारी नहीं रहना चाहिए ताकि या नहीं स्वार्थ का कारण बन जाए. संविधान निर्माताओं ने जो कल्पना की थी मैं सौ पचासी में संविधान पीठ ने जो प्रस्ताव पारित किया था वह संविधान के 50 वर्ष पूरे होने पर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया था. इस अवसर पर भी हासिल नहीं किया जा सका . स्वर्ण आरक्षण को बरकरार रखते हुए अपने फैसले में अनिश्चितकाल के लिए आरक्षण को समाप्त करने की वकालत भी सुप्रीम कोर्ट ने की. लेकिन यह निश्चित काल तक जारी नहीं रहना चाहिए.