उमर फारुख -CIN ब्यूरो /प्रति वर्ष भारत में 9 नवम्बर को क़ानूनी सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, क़ानूनी सेवा यानि जनता को कानून सम्बंधित सेवाओं की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करना. जनता दल (यू) की प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने इस दिवस पर अपनी बात रखते हुए बताया कि बिहार में माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में पिछले 17 वर्षों में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गए हैं, जिसका परिणाम लंबित अपराधिक मामलों से सम्बंधित आंकड़ो में अन्य राज्यों की तुलना में बिहार का बेहतर प्रदर्शन साफ़-साफ़ दिखता है।राज्य लंबित आपराधिक मामले पिछले एक वर्ष में लंबित आपराधिक मामले पिछले एक वर्ष में लंबित आपराधिक मामले % जनसंख्या (2011)(Cr)बिहार 2938662 134489 10.4उत्तर प्रदेश 9114293 3773119 20.42अंजुम आरा ने बताया कि अपराध के खिलाफ नीतीश कुमार जी के इस मॉडल के कारण बिहार में अपराध की दर काफी कम हुई, आज अपराधियों में जो खौफ व्याप्त है उसमें नीतीश कुमार जी की इसी नीति का योगदान है। उन्होंने बिहार में क़ानूनी सेवाओं की सर्वसुलभता और न्यायिक प्रक्रिया में आई तेजी को इंगित करते हुए बिहार की तुलना उत्तर प्रदेश से करते हुए बताया कि जब दोनों राज्यों के आंकड़ों पर नजर डालते हैं तो बेहद चौंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं। उन्होंने आंकड़ो पर चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी बिहार से दोगुनी है, लेकिन उत्तर प्रदेश में कुल लंबित आपराधिक मामले बिहार से तीन गुनी से भी ज्यादा है। जो कि यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश लंबित आपराधिक मामलों के निस्तांतरण करने में बिहार से बेहद ही बदतर हालात में हैं।JDU प्रवक्ता अंजुम आरा ने आंकड़ों के माध्यम से योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के इस बदतर हालत और जन सामान्य को न्याय सर्व सुलभता ना होने के लिए उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की योगी सरकार ही सबसे बड़ी जिम्मेदार है, उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में आए लंबित आपराधिक मामलों में भी यूपी हमारे बिहार से तीन गुना आगे है, पिछले एक वर्ष में बिहार में आए कुल मामलों में से मात्र 134489 मामले ही बिहार में लंबित हैं जबकि उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 3773119 है।
अंजुम आरा ने कहा कि उपुर्युक्त आंकड़े बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी इच्छा शक्ति और अपराध के प्रति कठोर निर्णय लेने की क्षमता का ही परिणाम है। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के प्रयासों का ही नतीजा है कि बिहार में स्पीडी ट्रायल के माध्यम से अपराधियों को बेहद कम समय में सजा दिलवाया जा रहा है, नीतीश कुमार जी द्वारा अपराध और अपराधियों से किसी भी प्रकार की समझौता नहीं करने की नीति का ही परिणाम हुआ कि बिहार में लाखों अपराधियों ने सरेंडर किया और उन्हें उचित समय के दायरे में सजा दिलवाई गयी।देश में सबसे पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने “जनता दरबार” की शुरुआत की, यह आगे चलकर सुशासन का नया मॉडल साबित हुआ, जिसे देश के कई राज्यों ने अपनाया, इसके माध्यम से जहां बिहार के सुदूर क्षेत्रों और वंचित नागरिकों तक न्याय की नई व्यवस्था सुलभ हुई वहीँ इस योजना ने बिहार ही नहीं अपितु पूरे देश में एक नई मिसाल कायम की। नीतीश कुमार जी ने न्याय के साथ विकास का नारा देकर बिहार के हर नागरिक के लिए न्याय का मार्ग प्रशस्त किया। अंजुम आरा ने कहा कि नीतीश कुमार जी ने स्पीडी ट्रायल के साथ -साथ हर जिले में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना करवाई, लोक अदालत के माध्यम से सामान्य जन मानस की परेशानियों को दूर किया ।