पटना, ८ नवम्बर। रेडियोलौजी स्वास्थ्य सेवाओं का वह क्षेत्र है, जिसे आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का नेत्र कहा जाता है। अनेक प्रकार के रोगों और शारीरिक समस्याओं की पड़ताल में इसका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण योगदान है। और इसकी सफलता में रेडियोग्राफ़ी की सबसे बड़ी भूमिका होती है। इसीलिए एक रेडियोग्राफ़र और एक्स-रे टेक्नोलौजिस्टस किसी रेडियोलौजिस्ट का सबसे निकटतम मित्र माना जाता है।यह बातें मंगलवार को, विश्व रेडियोलौजी दिवस के अवसर पर, बेउर स्थित इंडियन इंस्टीच्युट औफ़ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपना व्याख्यान देते हुए, सुविख्यात रेडियोलौजिस्ट डा आशुतोष झा ने कही। उन्होंने ने कहा कि, अपने समय के महान वैज्ञानिक विलियम सी रोंटजन ने सन १८९५ में ‘एक्स-रे’ की खोज की थी। उन्ही के जन्म दिवस को ‘विश्व रेडियोलौजी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। उन्हें इसी महान खोज के लिए १९०१ में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।समारोह की अध्यक्षता करते हुए, संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कहा कि, एक्स-रे के आविष्कार ने चिकित्सा विज्ञान ही नहीं जीवन के अनेक क्षेत्रों में क्रांति पैदा की है, जिसका लाभ आधुनिक संसार को मिल रहा है।इस अवसर पर संस्थान के बैचलर ऑफ रेडियो इमेजिंग टेक्नोलौजी के विभिन्न सत्रों के पाँच मेधावी छात्र-छात्राओं, सोहैल आलम (सत्र-२०१७), सौरभ पाराशर (सत्र- २०१८), सुमन कुमारी ( सत्र-२०१९), मोनिका कुमारी (सत्र-२०२०) तथा रौशन कुमार ( सत्र- २०२१) को ‘रेडिग्राफ़ी एक्सिलेंस अवार्ड’ से पुरस्कृत किया गया। उन्हें डा सुलभ और डा झा ने प्रमाण-पत्र और स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित किया।वरिष्ठ सी टी टेक्नोलौजिस्ट अमरजीत कुमार सिंह, ओम् प्रकाश सिंह, डा दीपक कुमार, भारत भूषण, मो तौकीर हसन, कृष्णा दूबे, अल्ताफ़ हुसैन तथा रमीज़ खान ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अतिथियों का स्वागत संस्थान के रेडियोलौजी विभाग की अध्यक्ष प्रो मधुमाला कुमारी ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन प्रो संतोष कुमार सिंह ने किया।इस अवसर पर संस्थान के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए, जिनमे मोनिका कुमारी, धीरज कुमार, नंदिनी कुमारी, गुड़िया जायसवाल, अभिजीत कुमार, किसलय, मो अजमल तथा रौशन की प्रस्तुतियों की तालियों की गड़गड़ाहट से सराहना मिली।संस्थान के प्रशासी अधिकारी सूबेदार संजय कुमार, प्रो संजीत कुमार, प्रो पी कुमार, प्रो संजीता रंजना, डा नवनीत कुमार झा, डा आदित्य ओझा, प्रो जया कुमारी, प्रो प्रिया कुमारी, प्रो कपिल मुनि दूबे, चंद्र आभा, रजनीकांत, अमित कुमार सिंह तथा शुभ लक्ष्मी समेत बड़ी संख्या में संस्थान के शिक्षक, कर्मी और छात्रगण उपस्थित थे।