जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना ::भारत की संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष और भारत के प्रसिद्ध सांसद, शिक्षाविद, अधिवक्ता एवं पत्रकार थे डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा। उक्त बातें जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने पटना के नागेश्वर कॉलोनी स्थित रॉयल गार्डन अपार्टमेंट में जीकेसी कार्यालय में बृहस्पतिवार को डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा की जयंती के अवसर पर बोल रहे थे।उन्होंने डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि सच्चिदानन्द सिन्हा 1910 के चुनाव में चार महाराजों को परास्त कर केन्द्रीय विधान परिषद में प्रतिनिधि निर्वाचित हुए थे। वे प्रिवी कौंसिल के सदस्य भी थे। उन्होंने 1891-92 में बिहार को अलग राज्य बनाने के लिए आंदोलन चलाया था और आखिरकार 22 मार्च 1912 को बिहार को बंगाल से अलग कर एक स्वतंत्र रियासत बनाया गया।उक्त अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ)। नन्दा कुमारी ने जीकेसी पटना जिला को इस आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा प्रथम भारतीय व्यक्ति है, जिन्हें एक प्रांत का राज्यपाल और हाउस लॉर्ड्स का सदस्य बनने का श्रेय प्राप्त है। 1921 में डॉ. सिन्हा को 5 साल के लिए अर्थ सचिव और कानून मंत्री भी बनाया गया था। कहने का अर्थ यह है कि वह पहले हिन्दुस्तानी थे जो इस पद पर पहुंचे थे।उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 27वें सेशन के स्वागत कमेटी के जनरल सेक्रेटरी का पद भी डॉ सच्चिदानंद सिन्हा ने संभाला था। यह सेशन बांकीपुर पटना में 26-28 दिसम्बर 1912 को हुआ था, जिसकी अध्यक्षता राओ बहादुर रगुनाथ मधोलकर ने की थी।जयंती समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने कहा कि कायस्थ कुल में जन्में डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा ने लंदन में कानून की शिक्षा प्राप्त की थी और बैरिस्टर बने थे। उन्होंने संछिप्त रूप में डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य, उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा, करियर और उनके उपलब्धि पर प्रकाश डाला।पटना जिला अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा का जन्म 10 नवम्बर 1871 को आरा-बंगाल प्रेसीडेंसी, (वर्तमान बिहार में बक्सर जिले) के मुरार गांव में हुआ था। इनके पिता बख्शी शिव प्रसाद सिन्हा थे जो डुमरांव महाराज के मुख्य तहसीलदार का काम करते थे। 09 दिसम्बर 1946 को भारत के लिए संविधान का निर्माण प्रारंभ हुआ था, तो तजुर्बा और काबिलियत को नजर में रखते हुए डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को भारतीय संविधान का प्रथम अध्यक्ष नियुक्त किया था। उन्होंने वर्ष 1894 से 1898 तक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के सेक्रेटरी पद पर भी काम किया था। ऐसे भारत के सपूत का निधन 6 मार्च 1950 (आयु 78 वर्ष) पटना (बिहार) में हुआ था।उक्त अवसर पर समारोह को संबोधित करने वालों में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष (मीडिया प्रकोष्ठ) जितेन्द्र कुमार सिन्हा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीलेश रंजन, प्रदेश महासचिव अधिवक्ता संजय कुमार सिन्हा, जिला महासचिव धनंजय प्रसाद, यूथ प्रभारी बिहार राजेश कुमार संजू, रश्मि सिन्हा, रूपेश कुमार, संघठन सचिव बलिराम जी, दिवाकर कुमार वर्मा, अनिल कुमार दास, दीप राज, अनुराग समरूप, पीयूष श्रीवास्तव सहित अन्य लोग शामिल थे।
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