कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /अंजुम आरा, प्रदेश प्रवक्ता, जद (यू) बिहार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा की :-भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल जी ने प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा में भीम सिंह चंद्रवंशी की अध्यक्षता में सामाजिक न्याय समिति की गठन की घोषणा की है, यह समिति बिहार अति पिछड़ा आयोग को अपने सुझाव प्रेषित करेगी ।भाजपा के इस मुहिम का हम स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि बिहार में एक स्वस्थ और स्वच्छ लोकतंत्र की परम्परा को जारी रखने में विपक्ष के तौर पर भाजपा अपना सहयोग देगी। लेकिन इसी प्रेस वार्ता में जिस तरह से संजय जायसवाल जी ने देश के सर्वोच्चतम सामाजिक न्याय के पुरोधाओं में से एक माननीय श्री नीतीश कुमार जी और माननीय श्री लालू प्रसाद जी का अपमान किया है, उसके लिए प्रदेश और देश की जनता कभी उन्हें माफ़ नहीं करेगी।राजनीतिक मतभेद होने के बावजूद कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वयं नीतीश कुमार जी को देश के सर्वोत्तम समाजवादी नेता के रूप में माना था, या यूँ कहें कि मानने के लिए मजबूर हो गए थे ।‘न्याय के साथ विकास’ के नारे से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले नीतीश कुमार जी को जब दशकों बाद बिहार की सेवा का मौका मिला तो उनके द्वारा सर्वप्रथम उठाये गए कुछ क़दमों में से प्रमुख था वर्ष 2006 में अति पिछड़ा वर्ग आयोग, (बिहार) का गठन, अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को पंचायत एवं स्थानीय निकायों के चुनाव में आरक्षण, नौकरियों में आरक्षण और मुख्यमंत्री उद्यमी योजना जैसे कल्याणकारी योजनाओं में अतिपिछड़ा वर्ग के लिए विशेष प्रावधान जैसे सैंकड़ों ऐसे कार्य हैं जिसे श्री नीतीश कुमार जी ने अतिपिछड़ों के उत्थान के लिए किया।इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसा करने वाले देश के पहले नेता श्री नीतीश कुमार थे और बिहार देश का पहला राज्य था। भाजपा नेता अपनी पार्टी द्वारा शासित किसी भी प्रदेश का एक उदाहरण बता दें, जहां उन्होंने अतिपिछड़ों के कल्याण के लिए कोई ऐसी एक भी योजना पहली बार देश में लागू की हो।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की सामाजिक लड़ाई सिर्फ अतिपिछड़ों तक सीमित नहीं है, पूरे देश में पहली बार महादलित आयोग का गठन कर महादलित की अवधारणा को जन्म देने वाले नीतीश कुमार जी ही हैं। महिलाओं को स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज्य व्यवस्था में 50% आरक्षण, पुलिस समेत राज्य की कई नौकरियों में 35% आरक्षण देने वाले देश के पहले नेता नीतीश कुमार ही हैं और देश का पहला राज्य बिहार ही है। लेकिन जब भाजपा सामाजिक न्याय समिति का गठन करती है तो सामाजिक न्याय की परिभाषा में महिलाओं, दलितों एवं आदिवासियों को भूल जाती है.