अजित सिंह की रिपोर्ट पलामू से / मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि सरकार पूरी संवेदना के साथ ग्रामीणों के हित की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कार्य कर रही है। ये योजनाएं ग्रामीणों के बीच पहुंचे इसके लिए पदाधिकारी जिम्मेदार बनकर काम करें, उनके उम्मीदों पर खरा उतरें, ग्रामीणों को समृद्ध करें ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके। मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से कहा कि ग्रामीण यदि आपके पास आए तो आप उनसे पूरे आत्मीय भाव और संवेदनशीलता के साथ मिलें एवं उनकी समस्याओं को निष्पादित करें। वे आज पलामू पुलिस लाइन स्टेडियम में गढ़वा एवं पलामू जिले में विकास कार्यों और योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये शुरुआत है अगले दो महीने बाद फिर से पलामू व गढ़वा जिले की प्रगति की समीक्षा की जायेगी।अंतिम व्यक्ति तक पहुंचें योजनाओं का लाभ.मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पूरी तरह प्रयास कर रही है कि सरकारी योजनाओं का लाभ हरेक अंतिम आदमी तक पहुंचे, इसी को ध्यान में रखकर आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का दूसरा चरण भी पूरे राज्य में चलाया गया। उन्होंने कहा कि पदाधिकारी से उम्मीद की जाती है कि वें सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भी उम्मीदों पर खरे उतरें । ऐसे में लोगों को विकास योजनाओं का फायदा पहुंचने पर मात्र सरकार की ही नहीं पदाधिकारियों को भी वाहवाही मिलेगी।विभिन्न योजनाओं की हुई समीक्षा.मुख्यमंत्री ने दोनों जिले में चल रही सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, सर्वजन पेंशन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मनरेगा अंतर्गत मानव दिवस सृजन, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति, रेवेन्यू कोर्ट, ऑनलाइन म्यूटेशन एवं विधि व्यवस्था की गहन समीक्षा की।31 दिसंबर तक शिविर अथवा अभियान चलाकर वंचित लोगों को योजनाओं से जोड़ें.मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ प्रखण्डों में सरकार की विभिन्न योजनाओं में अपेक्षित विकास नहीं हुए है। लोगों तक योजनाएं या तो उनको जागरूक करने अथवा किसी और वजह से नहीं पहुंच पाई है, पदाधिकारी उन सभी त्रुटियों को दूर करने का काम करें एवं 31 दिसंबर 2022 तक सभी को कैम्प लगाकर अथवा ड्राईव चलाकर योजनाओं से आच्छादित करने का काम करें।किसानों के निबंधन हेतु प्रखंड कार्यालयों में भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करें.मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना, के अंतर्गत अधिकारी किसानों के निबंधन हेतु प्रखंड कार्यालयों में भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करें ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका फायदा मिल सकें। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना, मनरेगा और अन्य योजनाओं की न्यून प्रगति वाले प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगे जाने हेतु निर्देश दिया।पशुधन व्यवस्था को पुनः स्थापित करें.मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण व्यवस्था की सबसे बड़ी कड़ी है पशुधन। इस व्यवस्था को पुनः स्थापित करनी है, जिससे आए दिन महिलाओं में खून की कमी, बच्चों में कुपोषण आदि समस्याओं का निदान हो सके। उन्हें पौष्टिक आहार घर में ही मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में लोगों को पशुधन योजना का लाभ दे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत लाभुकों को सब्सिडी पर पशु देने के साथ शेड निर्माण के लिए भी राशि दी जा रही है।मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से युवाओं को जोड़ेंमुख्यमंत्री ने कहा कि कांट्रेक्ट पर कार्य कर रहे स्वयं सेवक, जल सहिया आदि को मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से जोड़ें जिससे उनका भी विकास हो। ऐसा न हो कि वे केवल पदाधिकारियों के लिए न्यूनतम वेतन पर कार्य करते रह जाएं।एकल महिलाओं एवं दिव्यांगजानो को भी करें पेंशन से आच्छादित.मुख्यमंत्री ने सर्वजन पेंशन के क्षेत्र में दोनों जिले के बेहतर प्रदर्शन को सराहा साथ ही उन्होंने कहा कि एकल महिलाओं एवं दिव्यांगजानो को भी इससे आच्छादित करने का काम करें। उन्होंने कहा कि ड्राइव चलाकर एकल महिलाओं एवं अनाथ बच्चों को एक साथ टैग करने का काम करें, जिससे बच्चे को घर जैसा माहौल मिल सके एवं उस एकल महिला को ही अनाथ बच्चे को मिलने वाली सहायता राशि एवं एकल महिला पेंशन दिया जाए ,जिससे उनका विकास हो सके।श्रम आधारित कम से कम 5 योजना हर गाँव में चलाएं.मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा समेत अन्य योजनाओं के तहत हर गाँव में श्रम आधारित कमसे कम 5 योजना हर हालत में चलनी चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा मानव दिवस सृजित हो सके। इससे गाँव के लोगों को उनके आसपास ही काम मिलेगा और रोजगार के लिए लोगों का पलायन नहीं होगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन जमीन से संबंधित म्यूटेशन ससमय निष्पादित करें । कम्बल वितरण ससमय कर लें। किसान पाठशाला एवं स्मार्ट विलेज जैसे योजनाओं पर विशेष धयान दें।विधि-व्यवस्था की समीक्षा के क्रम में उन्होंने निर्देशित किया कि मामलों का निष्पादन समय सीमा में किया जाए।इसके अलावे यह ध्यान रखें कि पुलिस थानों में भी आम लोगों की समस्याओं का समयबद्ध रूप से निष्पादन हो।उन्होंने कहा कि अवैध बालू एवं पत्थर के खनन के मामले पाये जाने पर सख्ती से कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने नगरीय क्षेत्र के थानों के काम-काज पर नाराजगी जताई और आने वाले 15 दिनों में सुधार लाने की हिदायत दी गयी एवं पुलिस अधीक्षक को इसका रिव्यु करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं एवं कानून व्यवस्था के संबंध में दोनों जिलों से प्राप्त प्रगति प्रतिवेदन के आधार पर उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश प्रेषित किया जाएगा।इस अवसर पर मंत्री पेयजल एवं स्वच्छता विभाग श्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मंत्री कृषि विभाग श्री बादल, विश्रामपुर विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी, डालटनगंज विधायक श्री आलोक चौरसिया, पांकी विधायक कुशवाहा डॉ. शशिभूषण मेहता, छतरपुर विधायक पुष्पा देवी, मनिका विधायक रामचन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव प्रशांत कुमार, सचिव अमिताभ कौशल, डीजीपी, पलामू आयुक्त जटा शंकर चौधरी, पलामू डीआईजी राजकुमार लकड़ा, पलामू उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे, पलामू पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा, गढ़वा उपायुक्त रमेश घोलप, गढ़वा पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार झा सहित पलामू एवं गढ़वा जिले के प्रशासनिक पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे.