सीनियर एडिटर -जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना ब्यूरो , 15 दिसंबर ::सुप्रसिद्ध लेखिका ममता मेहरोत्रा अपनी पुस्तक “गीता प्रश्नोत्तरी” का विमोचन के उपरांत आत्म- बोध व पुस्तक समर्पण के लिए “भगवान श्री कृष्ण” के समक्ष इस्कॉन, पटना में भावपूर्ण उपस्थित हुई।इस अवसर पर इस्कॉन, पटना के प्रवक्ता नंद गोपाल दास ने श्रीमती मेहरोत्रा को मंदिर की ओर से चादर भेंट किए तथा उनका स्वागत किया।इस अवसर पर प्रो. पूनम चौधरी, श्रीमती दिव्या, अवधेश झा, अधिवक्ता राजन दिव्यांशु, अश्विनी कुमार समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।लेखिका ममता मेहरोत्रा ने कहा कि यदि हम नियमित रूप से गीता का अध्ययन करें तो जीत- हार, मित्र-शत्रु, उत्थान- पतन के द्वंद्व का बेहतर तरीके से सामना कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि हम सबके अंदर असीम क्षमताएं हैं जिसका ज्ञान कराने के लिए हमें मधुसूदन यानी कि एक सच्चे गुरु की आवश्यकता है। महाभारत युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन का मार्गदर्शन भगवान श्री कृष्ण ने किया। हम सब को भी अपने जीवन में मार्गदर्शन करने वाला सच्चा गुरु प्राप्त हो। उक्त बातें प्रसिद्ध लेखिका डॉ ममता मेहरोत्रा ने अपनी पुस्तक “गीता प्रश्नोत्तरी” के समर्पण के अवसर पर बोलीं।उन्होंने कहा कि गीता सिर्फ धर्मग्रंथ नहीं है बल्कि हमारा सहचर,सखा और मार्गदर्शक भी है।मॉरिसास के उप प्रधानमंत्री सविता बुदू ने भारत आगमन पर इस पुस्तक की प्रति को अपने साथ ले जाने के लिए रख ली।ज्ञातव्य है कि डॉ ममता मेहरोत्रा की पुस्तक “गीता प्रश्नोत्तरी” का विमोचन बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने कुछ समय पूर्व किया था। तथा इस अवसर पर उन्होंने कहा था कि यह पुस्तक समाज को मार्गदर्शन देने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि ममता मेहरोत्रा की लेखनी ने लंबा सफर तय किया है। उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी यात्रा शुरुआत करते हुए सबसे पहले अनुभव आधारित पुस्तकें लिखीं और फिर कथा,नाटक, शैक्षणिक पुस्तकें आदि लिखने के बाद अब गीता पर यह पुस्तक लिखी है जो युवाओं के लिए तो उपयोगी हैं ही, यह सब के लिए उपयोगी है। इस पुस्तक से हमें पता चलता है कि गीता का सार क्या है। धर्म के रास्ते पर चलते हुए लक्ष्य को प्राप्त करना हमारे जीवन का ध्येय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ममता मेहरोत्रा दूरदर्शी होने के साथ-साथ काफी मेहनती भी हैं।