कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव एवं एजाज अहमद ने अपने संयुक्त वक्तव्य में आरोप लगाया कि सुशील मोदी उन शराब माफियाओं के साथ खड़े नजर आ रहे हैं और जिन्हे बचाने मे महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल जिनके साथ खड़े हैं, जहां एक तरफ सिग्रीवाल शराब कारोबारियों को बचाने के लिए और असली मुजरिम पकड़े नहीं जाए इसके लिए सारण एस पी पर तो आरोप लगाते हैं लेकिन उन शराब कारोबारियों की गिरफ्तारी की मांग नहीं करते हैं जिनके कारण छपरा में इतनी बड़ी घटना हुई। यह बात सभी को पता है कि शराब कारोबार में लगे हुए बड़े गिरोह को किन भाजपा सांसद के द्वारा संरक्षण से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। यह भी बात सभी को पता है कि छपरा के सांसद के एंबुलेंस में किस तरह से शराब के बड़े खेप पकड़े गए थे। उस समय भाजपा के सभी बयानवीर नेता चुप्पी साधे रहे।
नेताओं ने आगे कहा कि भाजपा जब जब सत्ता में साझीदार होती है तो सत्ता और शासन का प्रभाव किस तरह से शराब पीने और पिलानेवालों को बचाने में इस्तेमाल किया यह बिहार ने देखा है ।जहां एक ओर शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने में भाजपा के छोटे से बड़े नेता का नाम आया , तब भी भाजपा इस मामले में चुप्पी साधे रही। शराब के कारोबार में लगे बिहार के बाहर से बैठकर बिहार में शराब की खेप पहुंचाने वाले को किनका संरक्षण मिल रहा है ये बताने की जरूरत है क्योंकि कुछेक लोगों की गिरफ्तारी होते ही भाजपा के नेता बौखलाहट और बेचैनी में शराबबंदी अभियान के खिलाफ ऐसा माहौल खड़ा कर रहे हैं, जिससे कि लोगों का ध्यान भटका कर भ्रम फैलाया जाऐ। सर्वविदित है कि जब 2016 में बिहार में शराब बंदी लागू की गई थी तो सभी पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कर्मचारी और आमलोगों ने भी शपथ लिया था मानव श्रृंखला के माध्यम से लोगों के बीच जन-जागरण चलाने का संकल्प लिया था कि ना पिएंगे और ना पीने देंगे। लेकिन अफसोस की बात है कि भाजपा के आज वही नेता अपने शपथ को भूल कर कहीं ना कहीं उन माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं ,या उनकी पैरवी कर रहे हैं जो शराब के कारोबार में लगे हुए हैं । मसरख में शराब कारोबारी सांसद सिग्रीवाल के सगे और संबंधी हैं और इन्हें बचाने के लिए लगातार इनके द्वारा प्रयास किया जा रहा है और आज उसी के साथ बैठकर सुशील मोदी बयानबाजी कर रहे हैं ।नेताओं ने कहा कि भाजपा जब सत्ता में होती है तो नीतीश जी सुशासन बाबू विकास के प्रतीक और पीएम मैटेरियल लगते हैं लेकिन जैसे ही भाजपा सत्ता से बाहर होती है उन्हें नीतीश कुमार विनाश पुरुष और ना जाने क्या-क्या शब्दों से भाजपा के नेता अलंकृत करते हैं यह बताने की आवश्यकता नहीं है। भाजपा की इन दोहरी नीतियों के कारण ही बिहार में कहीं ना कहीं शराबबंदी अभियान को कमजोर करने का भाजपा का एक मुहिम चल रहा है इसमें सुशील मोदी सहित भाजपा के सभी बयानवीर नेता लगे हुए हैं।