पटना CIN ब्यूरो । श्रम और निष्ठा भारतीय समुदाय की श्रेष्ठतम विशेषता है। यही कारण है कि यहां के लोग संसार में जहां कहीं भी जाते हैं, अपने सामर्थ्य से अपना वर्चस्व बना लेते हैं, उसी प्रकार जैसे हमारे पुरखे, मौरिशस जाकर अपनी सत्ता स्थापित की।यह बातें मंगलवार को, बेउर स्थित संस्थान इंडियन इंस्टिच्युट ऑफ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च में आयोजित अभिनन्दन समारोह में अपना विचार रखती हुईं, मौरिशस सरकार द्वारा गठित भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की अध्यक्ष और विख्यात साहित्यकार डा सरिता बुधु ने कही। उन्होंने कहा कि बिहार और उत्तरप्रदेश समेत देश के विभिन्न स्थानों से गए हमारे पुरखे अपनी पूरी की पूरी संस्कृति अपने साथ लेकर गए। रामायण, गीता ही नहीं, यहाँ के पेड़-पौधें, यहाँ तक कि पान भी लेकर गए। उन्होंने हमारी लोक-संस्कृति को भी बचाया और लोक-साहित्य को भी। भोजपुरी यूनियन की अध्यक्ष बनाए जाने के पश्चात हमने भोजपुरी गीतों का संकलन तैयार किया और उसे ‘गीत-गवई’ शीर्षक से यूनेस्को की स्वीकृति हेतु भेजा, जो वर्ष २०१६ में स्वीकृत हुआ।उन्होंने मौरिशस में उनके परखों द्वारा किए गए, संघर्ष, पुरुषार्थ और कठिन परिश्रम तथा गोरे अधिकारियों और मालिकों द्वारा किए गए उनके शोषण की कथा विस्तार पूर्वक की तथा मौरिशस को स्वतंत्र कराने वाले महान नेता सर शिव सागर राम ग़ुलाम की संघर्ष गाथा की भी चर्चा की। १९६८ में जब मौरिशस स्वतंत्र हुआ, तब से वहाँ की सत्ता में भारतीय और विशेषकर बिहारी स्थापित हैं।उन्होंने कहा कि पटना मेरा दूसरा घर है। बिहार से ही हामारे पूर्वज मौरिशस गए। इसलिए यह हामारे लिए मातृभूमि है और हम वही श्रद्धा यहाँ के लिए रखते हैं। उन्होंने मौरिशस में लोक-उटसवों में गाए जाने वाले गीतों का गायन भी किया। एक गीत गाती हुई उन्होंने जब यह पंक्ति दुहराई कि “अपने महलिया से निकलेलन दादा जी, हमरो ला साँझ मनायो जी”, तो सभागार में सैकड़ों की संख्या में बैठे छात्रा-छात्राओं ने तालियाँ बजाकर उनका अभिनंदन किया।आरंभ में, पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद और संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने, वंदन-वस्त्र,पुष्प-हार और पुष्प-गुच्छ देकर डा बुधु का सम्मान किया। इस अवसर पर, वैशाली ज़िला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष शशि भूषण कुमार, पंजाब नेशनल बैंक एंपलाइज यूनियन के चेयरमैन जयदेव मिश्र, यूनियन के अध्यक्ष रवि रंजन सहाय, संस्थान के प्रबंध निदेशक आकाश कुमार, संपदा निदेशक आभास, डा संजीता रंजना, डा नवनीत कुमार, प्रो संजीत कुमार, प्रो जया कुमारी, प्रो मधुमाला, सूबेदार संजय कुमार, प्रो प्रिया तिवारी, सरदार परवींदर सिंह समेत बड़ी संख्या में संस्थान के अधिकारी, कर्मी, शिक्षक और छात्रगण उपस्थित थे।