उमर फारुख की रिपोर्ट /तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल, पटना, पटना बिहार का एकमात्र यूनानी कॉलेज है जो 1926 से सेवा कर रहा है। कुछ दिन पहले NCISM; आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस सत्र मे नामांकन की अनुमति नहीं प्रदान की गई थी, लेकिन बिहार सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का परिणाम सामने है।प्राचार्य, प्रोफेसर (डॉ.) तौहीद किब्रिया ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार के अथक प्रयासों से ही यह संभव हो पाया है. अधिकतम कमियों को पूरा कर लिया गया है और शेष बचे कमियों को भी शीघ्र पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि अगले सत्र में भी नामांकन में कठिनाई उत्पन्न ना हो।ज्ञात हो कि राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल, पटना, भारत का एक मात्र यूनानी पद्धति का कॉलेज है जिसे बी. यू. एम. एस (BUMS) में (125) सीटों पर प्रवेश की अनुमति मिली है – यह लगातार तीसरा वर्ष है जब राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल, पटना मे 125 सीटों पर प्रवेश की अनुमति मिली है। इस वर्ष बी. यू. एम. एस (BUMS) के 125 सीटों एवं पीजी/एमडी के 31 सीटों पर दाखिले की अनुमति प्रदान की गई है। यह सब बिहार सरकार के प्रयासों का फल है।5 विभागों मे एमडी/पीजी की पढ़ाई का मतलब- तीन वर्षों से शोध का कार्य भी किया जा रहा है; एमडी/पीजी के विभागों के नाम इस प्रकार हैं; 1. तहफ्फुजी व समाजी तिब्ब (Preventive & Community Medicine), 2. मोआलाजात (Medicine), 3. इलमुल अदविया (Pharmacology), 4. कुल्लियाते तिब्ब (Basic Principal of Unani Medicine) और 5. माहियतुल अमराज़ (Pathology).