अजित सिंह की रिपोर्ट -दुमका / खजुर के पेड़ से निकलने वाले रस को लोग मादक द्रव के रुप में इस्तेमाल करते हैं परन्तु इन दिनों दुमका जिला के रानेश्वर प्रखंड में खजुर के पेड़ से निकलने वाले रस से गुड़ तैयार किया जा रहा है । खजुर के रस से गुड़ तैयार करने का यह काम पश्चिम बंगाल के नादिया जिला से आए कारीगर कर रहे हैं ।उनके इस कार्य से लोगों को रोजगार के साथ साथ अच्छी आमदनी भी हो रही है । खजुर का गुड़ स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक है और इसे बनाने में भी घरेलू तकनीक का उपयोग किया जाता है ।नादिया जिला से आए कारीगर शेख ललन से जब इस संबंध में पुछा गया तो उन्होंने कहा हमलोग हर साल सर्दी के मौसम में यहां आते हैं और खजुर का पेड़ खरीद इससे निकलने वाले रस से गुड़ तैयार कर बेचते हैं जो 80रूपया से 120रूपया प्रति किलो की दर से बिकता है । हमलोगों को इस काम में रोजगार के साथ साथ अच्छी आमदनी भी हो जाती है ।खजुर गुड़ तैयार करने के लिए कारीगर पहले खजुर के पेड़ से रस निकालते हैं और उसके बाद सड़क किनारे ही बने मिट्टी की भट्टी में आग जला रस को पकाते हैं जब रस पुरी तरह पक जाता है तो उसे मिट्टी के बने छोटे छोटे सांचे में डाल गुड़ तैयार किया जाता है ।खजुर गुड़ स्वास्थ के लिए काफी शुद्ध व लाभदायक होता है लोग इसे बड़े ही चाव से खरीदते हैं ।