प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट /जदयू प्रदेश कार्यालय में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा एवं जदयू नेता श्री राहुल कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में सम्पन्न हुए नगर निकाय चुनाव में 17 नगर निगमों में से 16 नगर निगम क्षेत्र में मुख्य पार्षद पद (मेयर) पर एवं 17 में से 11 उप मुख्य पार्षद (उपमेयर) पद पर महिलाओं का निर्वाचन हुआ है। इतना ही नहीं सिर्फ दूसरे चरण में 146 ऐसे महिला वार्ड सदस्य जीते हैं, जो अनारक्षित वार्ड थे। नगर निकाय चुनाव में 50ः आरक्षण होने के बावजूद मेयर पद पर कुल 94.12ः एवं उपमेयर पद पर 64.70ः महिलाओं का चुना जाना मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के महिला सशक्तिकरण की नीतियों पर मुहर है।प्रवक्ताओं ने बताया कि वर्ष 2021 में हुए पंचायती चुनावों में भी पूरे प्रदेश में लगभग 57 प्रतिशत महिलाएं निर्वाचित हुई थी, जो उन्हें मिलने वाले आरक्षण से कहीं अधिक है। आज पूरे बिहार में 57887 महिला प्रतिनिधि पंचायती राज का प्रतिनिधित्व कर रही है यानि कि लगभग हर पाँचवें घर में एक महिला प्रतिनिधि है।प्रवक्ताओं ने कहा कि इस नगर निकाय चुनाव में एक पुराने मिथक को जनता ने तोड़ते हुए युवाओं को तरजीह दी है और कई बड़े एवं पुराने चेहरे को शिकस्त दी है। जनता ने जहां मात्र 21 साल की छात्रा को अपना मुख्य पार्षद चुना है, वहीँ पूर्व उपमुख्यमंत्री के बहू को हराया भी है। ऐसे कई उदाहरण इस चुनाव में सामने आये हैं जिसमें बड़े एवं धाकड़ नेताओं के परिजनों के बजाय जनता ने युवा एवं नए चेहरे को प्राथमिकता दी है। इस चुनाव में महिलाओं के साथ-साथ युवाओं का जलवा इस कदर रहा कि नगर निकाय चुनाव में कई निकायों में 80ः से ज्यादा युवा चुनकर आये हैं।प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पंचायत एवं निकाय चुनाव में 50ः आरक्षण दिया। बिहार के इस माॅडल को देश के कई राज्यों ने बाद में फाॅलो किया। इसके अलावा इस दिशा में जनता दल (यू0) का पार्टी स्तर पर भी इतिहास रहा है। बिहार महिला विधायकों को सदन भेजने के मामले में 2005 से लगातार पूरे हिंदुस्तान तीन अव्वल राज्यों में से एक रहा है। आज भी बिहार में 26 महिला डस्। हैं, जबकि गुजरात में मात्र 14, बिहार में 2010 में 34 महिला विधायक थी, जिसमें से 21 अकेले श्रक्न् से थी। पिछले विधानसभा चुनाव में कुल उम्मीदवारों का 10: हिस्सा महिलाओं का था जबकि श्रक्;न्द्ध ने लगभग 18ः टिकट महिलाओं को दिया। अभी संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मात्र 13 महिलाओं को टिकट दिया जबकि श्रक्न् ने 22 महिलाओं को टिकट दिया। वर्तमान में 7 महिला एमएलसी हैं, बिहार में जिसमें से तीन महिला एमएलसी श्रक्न् की है, जबकि बीजेपी से मात्र एक महिला एमएलसी हैं। अभी संपन्न हुए गुजरात चुनाव में बीजेपी के 156 विधायक में से मात्र 13 महिला हैं, जो पार्टी के कुल विधायकों के अनुपात में मात्र 8.33 प्रतिशत है। डच् में बीजेपी महिला विधायकों का अनुपात 8.46 प्रतिशत और यूपी में यह अनुपात 10.98 प्रतिशत है। जबकि श्रक्न् के विधायकों की संख्या कम होने के बावजूद आज भी श्रक्न् महिला विधायकों का अनुपात 13.96 है।