कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /जनता दल (यू) की प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार बिहार सरकार द्वारा करवाई जा रही जातिगत जनगणना से डर रही है, इसलिए देश के इतिहास में पहली बार भारतीय जनगणना को बार-बार टाल रही है। जिस भारतीय जनगणना को 2021 में ही हो जाना चाहिए था, वह अब सरकार द्वारा जारी एक नए नोटिफिकेशन के अनुसार 2025 के पहले संभव नहीं हो पाएगा।उन्होंने कहा कि 2021 से पहले तक भारत कुछ चुनिंदा राष्ट्रों में से एक था, जिसने किसी भी परिस्थिति में जनगणना को टाला नहीं था, लेकिन मोदी सरकार ने भारतीय लोकतंत्र के इस गौरव को भी हम भारतीयों से छीन लिया । इस देश में इन्फ्लुएंजा महामारी ( 1919 -20 ) और भारत-पाक युद्ध (1971 ) जैसे विपरीत परिस्थितियों में भी बगैर किसी विलम्ब के सफलतापूर्वक जनगणना करवाई गई है। जबकि मोदी सरकार कोविड महामारी के बहाने 2020 से ही भारतीय जनगणना को बार-बार आगे बढ़ा रही है। वहीँ दूसरी तरफ कोविड महामारी के दौरान ही चीन, जापान, इंडोनेशिया समेत दुनिया के 15 देशों ने वर्ष 2020 में ही अपने-अपने देशों में जनगणना करवाई। वहीँ वर्ष 2021 में भी 5 देशों ने और 2022 में बांग्लादेश और ब्राजील ने भी अपने देश में जनगणना करवाई। यहाँ तक कि पाकिस्तान में भी जनगणना 4 मार्च 2023 को सम्पन्न कर ली जाएगी ।उन्होंने मोदी सरकार से पूछा कि विश्व गुरु का ढोल पीटने वाली मोदी सरकार बताए कि क्या भारत की शासन-प्रशासन व्यवस्था बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देश से भी बदतर है ? जो आज तक हिंदुस्तान में जनगणना नहीं करवा पाई है ? भारतीय जनगणना 2021 को जानबूझकर टालने का भाजपा का फैसला उनके पिछड़ा-और अतिपिछड़ा विरोधी मानसिकता की पराकाष्ठा है, जिसे प्राप्त करने के लिए भाजपा बेशर्मी से किसी भी हद तक जा रही है। भाजपा को पता है कि अगर वो देश में जनगणना 2021 करवाने का प्रयास करेगी तो पूरे देश में जातीय जनगणना करवाने की मांग उठेगी, जैसा कि 2011 के भारतीय जनगणना के दौरान हो चुका है.श्रीमती अंजुम आरा ने कहा कि समय से जनगणना (2021) नहीं पूरा होने से भारतीय लोकतंत्र पर बहुत जल्द ही एक संवैधानिक संकट आने वाला है। यह सर्वविदित है कि वर्ष 2026 में पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन होना है, चूँकि परिसीमन जनगणना के आंकड़ो के आधार पर होनी है, इसलिए परिसीमन से पहले भारतीय जनगणना 2021 का होना अति आवश्यक है। पिछड़ा विरोधी और संविधान विरोधी भाजपा भारतीय लोकतंत्र को तबाह करने का एक भी अवसर नहीं छोड़ रही है ।