झारखण्ड हेड -अजित सिंह की रिपोर्ट /कर्मचारी से कर्मयोगी की प्रधानमंत्री की अवधारणा को हमें अपनाना है। प्रशासनिक सेवा में अधिकारियों की कैपेसिटी बिल्डिंग जरूरी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा आउटपुट मिले । मिशन कर्मयोगी के तहत कर्मचारियों को कर्मयोगी बनाने पर फोकस करना है। इसके लिये उन्हें कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन द्वारा विशेष प्रकार का प्रशिक्षण दिया जायेगा । इससे अधिकारियों और कर्मचारियों के काम करने की शैली और प्रणाली में सुधार होगा । उक्त बातें मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह ने प्रोजेक्ट भवन में कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन के सहयोग से कार्मिक विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में कहीं ।मिशन कर्मयोगी के जरिए कर्मचारी अपने परफॉर्मेंस में सुधार और अपनी क्षमता में कर पाएंगे इजाफा.कार्याशाला में कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन के सदस्य श्री आर बालासुब्रमण्यम ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से मिशन कर्मयोगी के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला । इसकी कार्यप्रणाली, प्रशिक्षण और प्रशिक्षण केन्द्र के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मिशन कर्मयोगी के जरिए कर्मचारी अपने परफॉर्मेंस में सुधार कर सकेंगे और अपनी क्षमता में इजाफा कर पाएंगे। भारतीय सिविल सेवा के अफसरों को भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा। उन्हें इस लिहाज से तैयार किया जाएगा कि वे रचनात्मक, पेशेवर, प्रोग्रेसिव और पारदर्शी तरीके से काम कर सकें। कर्मचारियों के विकास के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन का गठन किया गया है। इससे ट्रेनिंग के स्टैंडर्ड में सुधार का प्रयास किया जाएगा। इसके माध्यम से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा। मिशन कर्मयोगी योजना के तहत कर्मचारियों को एक विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए उन्हें आवश्यक कंटेंट प्रदान किया जाएगा।कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखें साथ ही इससे जुड़े सवाल-जवाब पर चर्चा की.कार्यशाला में कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती वंदना डाडेल, प्रधान सचिव श्रीमती हिमानी पाण्डेय, प्रधान सचिव श्रीमती अराधना पटनायक, प्रधान सचिव श्री के के सोन, सचिव श्री सुनील कुमार,सचिव श्री मनोज कुमार, सचिव श्री मनीष रंजन,सचिव श्री के रवि कुमार, सचिव श्री प्रशांत कुंमार, मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी, विभिन्न विभागों के सचिव, संयुक्त सचिव, कार्मिक विभाग के संयुक्त सचिव श्री रंजीत कुमार लाल सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।