सौरभ निगम -CIN /BBC की प्रधानमंत्री मोदी पर विवादित फिल्म को “जामिया मिलिया इस्लामिया” यूनिवर्सिटी में दिखाए जाने पर बढ़ा विवाद,”जामिया मिलिया इस्लामिया” प्रशासन पर कार्रवाई होना चाहिए, BBC का भी विरोध होना चाहिए. बीबीसी की फिल्म को लेकर उबाल जारी है. जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में प्रधानमंत्री मोदी के विरुद्ध बनाए गए फिल्म का विचित्र का स्क्रीनिंग का ऐलान होते हैं माहौल गर्म हो गया. बड़ी संख्या में जुटे छात्रों पर जामिया प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी और कार्रवाई को भी चेतावनी दी. छात्र भड़क गए और हंगामा करने लगे. जमीन में बढ़ते हंगामे के बीच पुलिस और सुरक्षा बल को कैंपस में तैनात कर दिया गया. जामिया यूनिवर्सिटी के अंदर गेट नंबर 7 पर सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवान लगा दिए गए. इसी बीच दिल्ली पुलिस के द्वारा कई प्रदान करें कि हिरासत में भी लिया गया और वहां से बाकी छात्रों को हटा दिया गया. जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का विवाद है दर्शाता है कि आज भी देश का एक वर्ग प्रधानमंत्री मोदी को अछूत समझता है. जबकि ऐसा नहीं है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर एक भारतवासी को अपना समझते हैं. भारत में कहीं भी हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई में भेद नहीं देखा जा सकता है. जबकि जामिया मिलिया के कैंपस में छात्रों ने पुलिस पर जबरदस्ती बदसलूकी का आरोप लगाया है. जामिया में एकत्रित हुए छात्रों से सवाल है – क्या कभी भारत विरोधी फिल्म को जामिया में आप लोग देखकर खुश होते हैं. के द्वारा बनाए गए फिल्म कंप्लीट भारत विरोधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोधी है. नरेंद्र मोदी का गलत चित्रण किया गया है.