जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 07 फरवरी ::नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रैक्टिस या पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए एग्जाम देने का प्रावधान किया गया है, सरकार की तैयारी है कि इस नई व्यवस्था को लागू कर दिया जाए। हालांकि सरकार की तैयारियों को देखते हुए नए प्रावधानों के लागू होने पर सवाल उठने लगे हैं।सोसल एक्टविस्ट नभ शंकर गुप्ता ने कहा है की इस निर्णय से मेडिकल स्टूडेंट्स के एक धड़े में मायूसी का माहौल है,NEXT (नेशनल एग्जिट टेस्ट) मेडिकल छात्र के लिए मौजुदा समय मे ठिक नही है, पहले फॉरन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन टेस्ट उन छात्रो के लिऐ बना था जो विदेश से एमबीबीएस कर आते थे, क्योंकि विदेशों मे कुछ कालेज ऐसे थे जो भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (Medical Council of India) के मापदंडो पे खडा नही उतर पा रहे थे, उनके लिऐ वर्तमान समय में FMGE एग्जाम का आयोजन साल में दो बार किया जाता है।हमारे देश में चिकत्सकों की इतनी कमी है, कि सरकार ग्रामीण इलाके में विभिन्न कोर्स करा कर लोगों को RMP बना के प्राथमिक चिकित्सा सेवा उपलब्ध करा रही है, वही दूसरी तरफ एमबीबीएस छात्रों के लिऐ नेशनल एग्जिट टेस्ट कहीं से ठीक नही है, क्योंकि इनका दाखिला ही कठिन प्रवेश परीक्षा पास करके हुआ है और उसमें भी साढ़े चार साल की कठीन पढ़ाई जिसमें हर साल तीन सेमेस्टर और एक यूनिवर्सिटी टेस्ट उसके बाद एक साल का इंटर्नशिप शामिल है, इतने टेस्ट होने के बाद नेशनल एग्जिट टेस्ट मेडिकल छात्र के लिए कहीं से सही नहीं है।