जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 11 फरवरी ::विश्व हिन्दी परिषद के महासचिव डाॅ. विपिन कुमार 12 वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भारत सरकार के प्रतिनिधि मण्डल में बतौर वक्ता के रूप में आमंत्रित हुए हैं।विदेश मंत्रालय द्वारा फिजी सरकार के सहयोग से 15-17 फरवरी, 2023 तक फिजी में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन का मुख्य विषय “हिंदी-पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम मेधा तक” है। सम्मेलन का आयोजन स्थल देनाराऊ आइलैंड कन्वेंशन सेंटर, नांदी, फिजी है।पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन 1975 में नागपुर, भारत में आयोजित किया गया था। तब से, विश्व के अलग-अलग भागों में, ऐसे 11 सम्मेलनों का आयोजन किया जा चुका है। इस सम्मेलन में भारत सरकार के प्रतिनिधि मण्डल में विश्व हिन्दी परिषद के महासचिव डाॅ. विपिन कुमार को बतौर वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया हैI डाॅ. विपिन कुमार के सम्बोधन का विषय “मीडिया और हिन्दी का विश्व बोध” है।फिजी में सम्मेलन स्थल पर हिन्दी भाषा के विकास से संबंधित कई प्रदर्शनियाँ लगाई जाएंगी। सम्मेलन के दौरान शाम को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।दैनिक सम्मेलन-समाचार पत्र (सम्मेलन-समाचार), सम्मेलन- स्मारिका और शैक्षिक सत्रों में हुई चर्चाओं और सुझावों के आधार पर एक सम्मेलन रिपोर्ट भी प्रकाशित की जाएगी। परंपरा के अनुरूप सम्मेलन के दौरान भारत एवं अन्य देशों के हिन्दी विद्वानों को हिन्दी के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए “विश्व हिन्दी सम्मान” से सम्मानित किया जाएगा।विश्व हिन्दी परिषद, हिन्दी के संवर्द्धन के लिए, अपने स्तर पर पिछले कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय एवम राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में संवाद, समन्वय और सामांजस्य स्थापित कर हिन्दी का प्रचार-प्रसार विभिन्न कार्यशालाओं और गोष्ठियों के माध्यम से करती आ रही है। ऐसे कार्यक्रमों में मुख्य वक्ता रूप में राष्ट्रवादी हिन्दी विद्वानों को व्याख्यान एवं पुरस्कार के लिए आमंत्रित किया जाता है। विश्व हिन्दी परिषद राष्ट्रीय एवम अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम हिन्दी दिवस 14 सितम्बर को और विश्व हिन्दी दिवस 10 जनवरी को आयोजन करती आ रही है। विश्व हिन्दी परिषद बहुत ही सशक्त एवं व्यवस्थित तरीके से पूरे भारत में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए दृढ़ संकल्पित है।डाॅ. विपिन कुमार (पी.एच.डी.) प्रख्यात स्तंभ लेखक एवं राष्ट्रवादी विचारक हैं। विश्व हिन्दी परिषद के महासचिव के रूप में संस्था का सफल नेतृत्व कर रहे हैं। इन्होंने 20 से अधिक वर्षों से हिन्दी साहित्य एवं राष्ट्र भाषा की पूरे समर्पण के साथ सेवा तथा प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय स्तर पर अनेक सम्मेलनों में विभिन्न दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वाहन किया है। कारपोरेट कार्यालयों एवं विभिन्न मंत्रालयों में अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित एवं हिन्दी भाषा में व्याख्यान दिए हैं। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन में हिन्दी के कार्यक्रमों के अतिथि वक्ता रहे हैं। नेहरू युवा केन्द्र संगठन, भारत सरकार के विभिन्न राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक युवा महोत्सव को संबोधित किया है। राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित हिन्दी कार्यक्रमों में अतिथि वक्ता के रूप में सेवा दी है।डाॅ. विपिन कुमार ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभिन्न आनुषांगिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का सफल निर्वहन किया है। विश्व हिन्दी परिषद के विभिन्न दायित्वों का निर्वाहन करते हुए हिन्दी के प्रचार-प्रसार हेतु हिन्दी दिवस समारोह, विश्व हिन्दी दिवस समारोह एवं कवि सम्मेलनों का सफल आयोजन करते आ रहे हैं। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन एवं भारतीय कला संस्कृति संगम जैसे दर्जनों सामाजिक सांस्कृतिक संस्थाओं से सक्रिय जुड़ाव एवं सार्थक उत्थान की दिशा में लगे हुए हैं।डाॅ. विपिन कुमार की पुस्तक ‘‘हिन्दी और समाज’’ सब का साथ, सबका विकास पुस्तक – विश्व हिन्दी परिषद द्वारा प्रकाशित हुई है। हिन्दी दिवस पत्रक एवं विश्व हिन्दी पत्रक का नियमित प्रकाशन करते हैं। दैनिक जागरण में नियमित छपे आलेखों का संग्रह कर सम्पूर्ण योग पुस्तक का प्रकाशन एवं प्रख्यात योग गुरू स्वामी रामदेव जी द्वारा विमोचन हुआ है।मानव संसाधन विकास विभाग, बिहार सरकार द्वारा बिहार की माध्यमिक विद्यालयों के लिए पूर्व राष्ट्रपति महामहिम डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की पांच पुस्तकों के साथ डाॅ. बिपिन कुमार की पुस्तक “माइन्ड पावर मेमोरी” की अनुशंसा हुई है।डाॅ. विपिन कुमार को भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ एवं विश्व हिन्दी विद्यापीठ के संयुक्त तत्त्वावधान में ‘‘विश्व हिन्दी सेवा सम्मान’’ – 2017 मिला है। स्वर्णिम भारत निर्माण द्वारा हिन्दी के क्षेत्र में सम्मान – 2017, साहित्य पुष्प सम्मान – 2012, डाॅ. रामधारी सिंह दिनकर सम्मान – 2005, हिन्दी साहित्य सेवा सम्मान – 2004 इत्यादि सम्मान प्राप्त हुए हैं।