निखिल दुबे की रिपोर्ट -पंजाब /महर्षि दयानंद शताब्दी जन्मोत्सव पर जालंधर में बोले स्वामी रामदेव, “सनातन धर्म” को “युग धर्म” बनाना होगा. स्वामी रामदेव ने कहा कि 200 वर्ष पहले उन्होंने स्वदेशी स्वराज्य राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए सैद्धांतिक रूप से हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में प्रसारित करने का पुरुषार्थ किया था. महर्षि दयानंद सरस्वती ने स्त्रियों में शूद्रों को वेद पढ़ने से लेकर शिक्षा के अधिकारों का आंदोलन चलाया था. संविधान देव ने कहा कि आजादी से पहले शिक्षा का सबसे बड़ा गैर-सरकारी आंदोलन महर्षि दयानंद जी के प्रेरणा में डीएवी विद्यालय गुरुकुल कांगड़ी के माध्यम से प्रारंभ किया गया था. स्वामी रामदेव ने कहा कि मत देना देख युग प्रवर्तक महान समाज सुधारक महापुरुष थे. स्वामी रामदेव ने कहा कि आज महर्षि दयानंद की जयंती पर उनको स्मरण करते हुए हम उनके सपनों को भारत बनाने का संकल्प लेते हैं. हम एक ऐसा देश बनाएंगे जहां शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था और सामाजिक एकता की भावना हो. स्वामी रामदेव ने अंत में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के लोकगीत गाए हम सब मिलकर अपने सपनों को भारत बनाएं.