जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 19 फरवरी ::पटना के कदम कुआं स्थित हिन्दी साहित्य सम्मेलन में रविवार को खास महाल के प्रति सरकार के नकारात्मक और उदासीन कार्रवाई के विरोध में लड़ाई जारी रखने के लिए “खास महाल सिटीजंस वेलफेयर सोसाइटी” की वार्षिक आम सभा का आयोजन किया गया। आम सभा में सोसाइटी के सदस्यों ने भाग लेते हुए अपने हक के लिए विरुद्ध लड़ाई जारी रखने का प्रतिज्ञा किया।सभा में सोसाइटी के मैनेजिंग समिति एवं पदाधिकारियों का पुनर्गठन और चुनाव भी किया गया। सदस्यों ने अपने पूर्व अध्यक्ष राजीव शर्मा एवं महासचिव शैलेन्द्र नाथ सिन्हा को ही सर्वसम्मति चुना गया। खास महाल सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी के कार्यकाल तीन वर्षों का होता है। इसके साथ ही नए कोषाध्यक्ष और सचिव का भी चुनाव किया गया। आम सभा में वार्षिक बजट का लेखा जोखा के संबंध में भी सदस्यों को जानकारी दी गई।उल्लेखनीय है कि खास महाल लीजधारियों ने लंबे समय से अपने हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने का काम किया है, जिसमें हमेशा माननीय न्यायालय में उनकी जीत हुई है और न्यायालय ने सरकार की गलत नीतियों से उनका बचाव किया है और राहत दी है । हाल ही में, माननीय उच्च न्यायालय ने अपने कई आदेशों में सरकार को लीजधारियों से टैक्स जमा लेने एवं उनके म्यूटेशन को करने का भी आदेश दिया था, परंतु प्रशासन और सरकार के सौतेले व्यवहार के कारण खास महाल के निवासी अभी भी अपने मकान के मालिकाना हक से वंचित हैं और लीजधारियों का कहना है कि जमीन पर उनका मालिकाना हक है एवं वह बेचने और बनाने के लिए स्वतंत्र हैं परंतु सरकार इसकी इजाजत नहीं देती है। जबकि देश के अन्य विकासशील राज्यों में सरकार अपने नागरिकों को जमीन फ्रीहोल्ड करने का मौका देती है, परंतु बिहार सरकार के अड़ियल रवैया के वजह से खास महाल के निवासी डर के साये में रहने को मजबूर हैं।सरकार की इस रवैये से बिहार सरकार को कर प्राप्ति और राजस्व की भारी हानि हो रही है।सरकार को चाहिए कि अविलंब खास महाल सिटीजंस वेलफेयर सोसाइटी के प्रतिनिधियों से बात करके इस समस्या का स्थाई समाधान निकाले।