जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 24 फरवरी ::इंदिरा आईवीएफ पटना को बिहार राज्य के साथ-साथ देश के पूर्वी क्षेत्र में इनफर्टिलिटी को दूर करने के असाधारण प्रयासों को मान्यता देते हुए इस सप्ताह की शुरुआत में, मुंबई में आयोजित नेशनल फर्टिलिटी अवार्ड्स में तीन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। शहर स्थित क्लिनिक ने सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ क्लिनिक (इंदिरा आईवीएफ पटना, पूर्वी क्षेत्र) और सर्वश्रेष्ठ एकीकृत टीम (इंदिरा आईवीएफ पटना, पूर्वी क्षेत्र) की श्रेणियों में जीत हासिल की। इसके अतिरिक्त डॉ. दयानिधि शर्मा ने राष्ट्रीय मंच पर ‘हाफ ऑफ फेम’ (एम्ब्रायोलॉजिस्ट – पूर्व) सम्मान जीता।इंदिरा आईवीएफ पटना ने आज, एक समारोह में जीत की घोषणा की और जश्न मनाया जिसमें इंदिरा आईवीएफ पटना के कर्मचारियों ने भाग लिया। समारोह में डॉ सुनीता कुमारी, डॉ अनुजा सिंह, डॉ रीना रानी, डॉ मोक्ष जैन, डॉ राकेश, डॉ पूजा सिंह, डॉ भूमिजा और डॉ रीतिका प्रकाश शामिल रहे।इंदिरा आईवीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक, डॉ. क्षितिज मुर्दिया ने उक्त अवसर पर कहा कि “हमें इस बात की खुशी है कि इनफर्टिलिटी समाधान प्रदान करने के इंदिरा आईवीएफ के अथक प्रयास को नेशनल फर्टिलिटी अवार्ड्स में मान्यता मिली है। हम अपने रोगियों को काम को केंद्र में रखते हुए उन्हें सर्वोत्तम उपचार प्रदान करने का प्रयास करते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि हमने कृत्रिम बुद्धिमत्ता और हाल ही में पैटर्नल लिम्फोसाइट टीकाकरण सहित अनुसंधान द्वारा समर्थित कई समाधान पेश किए हैं, जो उन कपल्स की मदद करने के लिए हैं, जिन्हें बार-बार गर्भावस्था के नुकसान, कई आईयूआई विफलता, साथ ही बार-बार इम्प्लांटेशन और आईवीएफ विफलता का सामना करना पड़ा है। इन उपचार पद्धतियों को पेश करने का उद्देश बिहार और इसके आस पास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कपल्स का कम से कम साइकल्स के साथ माता-पिता बनने के सपनों को साकार करना है”राज्य में निःसंतानता के बढ़ते मामले पर प्रकाश डालते हुए इंदिरा आईवीएफ के मुख्य क्लीनिकल अधिकारी विपिन चंद्रा ने कहा कि “बिहार मे लगभग 10-15 % जनसँख्या निःसन्तानता से ग्रसित है । यह दर्शाता है की राज्य की 13 करोड़ जनसँख्या मे करीब 1.3 करोड़ लोग इन्फरटाईइल है। परन्तु इनमे से इनफर्टिलिटी की जानकारी रखने वाले लोग बहुत कम है और उसमे से भी सिर्फ 10 प्रतिशत लोग इसका इलाज करवाने आते हैं। इंदिरा आईवीएफ पटना केंद्र का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाना हमारे टीम के सर्वोच्च प्रयासों को सम्पूर्ण बिहार मे उजागर करते हुए हमारे प्रयासों को और दूर तक ले जाने का लक्ष्य प्रदान करता है।”सम्मान दिलाने में प्रौद्योगिकी के महत्व को रेखांकित करते हुए, इंदिरा आईवीएफ पटना के डॉ. दयानिधि शर्मा ने कहा कि “प्रौद्योगिकी ने यह सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है कि प्रत्येक साइकल में सर्वोत्तम संभव परिणाम प्राप्त किए जा सकें। इलेक्ट्रॉनिक विटनेस एक ऐसी तकनीक है, जो असंबंधित नमूनों को मिश्रित होने से बचाने के अलावा, यह सुनिश्चित करने में भी हमारी मदद करती है कि प्रयोगशाला में एम्ब्रायोलॉजिस्ट्स भ्रूण को संभालने के लिए पद्धतियों का उपयोग करें। इसके बाद, कृत्रिम बुद्धिमत्ता वास्तविक समय में भ्रूण के विकास की निगरानी करती है और उन्हें जीवित गर्भावस्था के उच्चतम अवसर के आधार पर ग्रेड देती है। हमारे केंद्र में स्वर्ण मानक के रूप में इन तकनीकों का उपयोग करने से हमें नेशनल फर्टिलिटी अवार्ड्स में सम्मान प्राप्त करने में मदद मिली है।उक्त अवसर पर मैं आयुष्मान भारत योजना की सराहना करते हुए यह अनुरोध करना चाहता हूँ की “बिहार सरकार निःसंतानता के इलाज को भी इस योजना के अंतर्गत शामिल करे”।टीम द्वारा किए गए कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए, इंदिरा आईवीएफ पटना की डॉ. अनुजा सिंह ने कहा कि “आज, हमें आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि बिहार भर में हमारे सात केंद्रों ने 12,000 से अधिक कपल्स को उनकी पितृत्व आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद की है। इनमें से 8,500+ सफल मामले पटना से ही हैं। मैं इस अवसर पर पूरी टीम के सदस्यों द्वारा किए गए अथक परिश्रम की सराहना करती हूं। यह सम्मान टीम के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है, जो हमारे रोगियों को सबसे अच्छा इलाज के साथ माता- पिता बनने की खुशी प्रदान करने के लिए सदैव प्रयासरत रहती है।”अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से लैस, इंदिरा आईवीएफ अनगिनत कपल्स को इनफर्टिलिटी की जटिलता को दूर करने में मदद करता है और परिवार शुरू करने के उनके सपने को साकार करने में सहायता करता है। इसके अलावा इंदिरा आईवीएफ कपल्स को परामर्श भी प्रदान करता है और अंडाणु एवं शुक्राणु को फ्रीजिंग की सुविधा प्रदान करता है, जो उन युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ है जो अपने चालीसवें वर्ष की उम्र तक परिवार नियोजन में देरी करना चुनते हैं। इस प्रकार, इंदिरा आईवीएफ ने अपने 115 केंद्रों में सफल गर्भधारण के साथ 100,000 से अधिक कपल्स की मदद की है।