प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /दर्शन परिषद्, बिहार का 45वां अधिवेशन 21-23 दिसंबर, 2023 को रामेश्वर कॉलेज, मुजफ्फरपुर में आयोजित होगा। इसमें देशभर के जानेमाने दार्शनिक, शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी शामिल होंगे। इस आशय का निर्णय रविवार को परिषद् की अध्यक्ष सह दर्शनशास्त्र विभाग पटना विश्वविद्यालय, पटना की पूर्व अध्यक्ष प्रो. पूनम सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया।प्रो. सिंह ने बताया कि सन 1949 में सुप्रसिद्ध दार्शनिक प्रो. डी. एम. दत्त ने समाज में दार्शनिक विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए दर्शन परिषद्, बिहार का गठन किया था। तब से लगातार विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में इस संगठन के अधिवेशन आयोजित हो रहे हैं और विभिन्न उतार-चढा़व के बीच संगठन निरंतर आगे बढ़ रहा है।उन्होंने बताया कि अधिवेशन के दौरान देशभर के दार्शनिक एवं विचारक समाज एवं राष्ट्र की विभिन्न ज्वलंत समस्याओं मंथन करते हैं और जनहित में उपयोगी निष्कर्षों को सामने लाया जाता है। आशा है कि मुजफ्फर का अधिवेशन भी अपने उद्देश्यों में सफल होगा और इससे पूरे बिहार में दर्शनशास्त्र के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।बैठक का संचालन करते हुए परिषद् के महासचिव सह टी. पी. एस. कॉलेज, पटना में दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. श्यामल किशोर ने बताया कि परिषद् निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है और इसके अधिवेशनों में कई आयाम जुड़े हैं। इसके अधिवेशन में उद्घाटन एवं समापन सत्रों के अलावा दो संगोष्ठी एवं कई व्याख्यानों का आयोजन किया जाता है और पांच समानांतर विभागों में शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाते हैं।उन्होंने बताया कि परिषद् के अधिवेशन बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालों में आयोजित होते हैं। इसका गत दिनों 6-8 नवंबर, 2022 को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा 44वां अधिवेशन हुआ था। इसके पूर्व 12-13 मार्च, 2022 को वीर कुंअर सिंह विश्विद्यालय, आरा में 43वां और 12-13 मार्च, 2021 को भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में 42 वां अधिवेशन संपन्न हुआ था।रामेश्वर कॉलेज के प्राचार्य सह आयोजक सचिव प्रो. अभय कुमार सिंह ने बताया कि परिषद् का अधिवेशन पहली बार बी. आर. अंबेडकर बिहार विश्विद्यालय, मुजफ्फरपुर में होने जा रहा है। इसको लेकर विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में काफी उत्साह है और सभी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस बात का ख्याल रखा जा रहा है कि अतिथियों एवं प्रतिभागियों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो।इस अवसर पर संयुक्त महासचिव प्रो. अवधेश कुमार, कोषाध्यक्ष प्रो. वीणा अमृत, प्रो. सरोज कुमार वर्मा, डॉ. विजय कुमार, डॉ. सुनील कुमार सिंह, डॉ. श्याम किशोर सिंह, डॉ. रमेश कुमार विश्वकर्मा, डॉ. शारदानंदन सहनी, डॉ. महजबीन परवीन, डॉ. सुमित्रा कुमारी, डॉ. उमेश शुक्ल , डॉ. बादल कुमार, डॉ. धीरज कुमार आदि उपस्थित थे।