सुनील पाण्डेय, प्रधान सलाहकार संपादक के कलम से / 2024 और 2025 के चुनाव को देखते हुए बीजेपी की केंद्रीय इकाई ने कुशवाहा समाज के तेजतर्रार नेता सम्राट चौधरी को बना दिया बिहार प्रदेश अध्यक्ष, जिस लव-कुश समीकरण के सर्वमान्य नेता माने जाते थे नीतीश कुमार. उसी समाज से आने वाले सम्राट चौधरी पर बीजेपी ने लगा दिया दाग.बिहार में नीतीश को झटका देने और कुशवाहा वोटों को साधने के लिए बीजेपी ने बड़ी चाल चल दी है। इसीलिए प्रदेश अध्यक्ष के पद पर सम्राट चौधरी की ताजपोशी की गई है। बीजेपी के नए अध्यक्ष सम्राट चौधरी के नेतृत्व में ही 2024 लोकसभा का बिहार में चुनाव होगा, सम्राट के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी होगी.सम्राट चौधरी 1990 में सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए और 19 मई 1999 को उन्होंने बिहार के कृषि मंत्री के पद की शपथ ली। 2000 और 2010 में परबत्ता विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधायक निर्वाचित हुए। 2010 में उन्हें बिहार विधानसभा में विपक्षी दल के मुख्य सचेतक बनाया गया था। 2 जून 2014 को शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री पद की शपथ ली और कार्यभार संभाला था।सम्राट चौधरी के बिहार बीजेपी का नया अध्यक्ष घोषित होने के बाद दल के विधायकों-विधान पार्षदों ने उन्हें बधाई दी है. भाजपा के ‘सम्राट’ डॉ. संजय जायसवाल का स्थान लेंगे. नए अध्यक्ष बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं. विप में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद सम्राट चौधरी सदन के अंदर और बाहर सरकार को घेरने का एक भी मौका नहीं चुकते। सामाजिक और राजनीतिक पृष्टभूमि की बात करें तो सम्राट चौधरी कद्दावर नेता शकुनी चौधरी के बेटे हैं. ये मुंगेर जिले से आते हैं. कुशवाहा समाज से आने वाले सम्राट चौधरी की अपने समाज में मजबूत पकड़ है. ये राबड़ी देवी सरकार में भी मंत्री रहे हैं.1999 में कृषि मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. इसके अलावे सीएम नीतीश ने इन्हें जेडीयू कोटे से भी मंत्री बनाया था. 2014 में शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री रह चुके हैं.विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है .भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने तत्काल प्रभाव से सम्राट चौधरी को बिहार का अध्यक्ष बनाया है. बता दें एनडीए की सरकार में सम्राट चौधरी पंचायती राज विभाग के मंत्री थे. सम्राट चौधरी वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं.