धीरेन्द्र वर्मा -दिल्ली ब्यूरो / सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला – हलाला, बहुविवाह पर सही समय होने पर नई संविधान पीठ सुनवाई करेगी. मुख्य न्यायाधीश D.Y. चंद्रचुड,न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति जे बी पादरीवाला की पीठ से वकील अश्वनी उपाध्याय ने मामले पर नई संविधान पीठ के गठन का अनुरोध किया है. दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 494 बहुविवाह हलाला आदि की अनुमति नहीं देती है और उसे खत्म करने की जरूरत है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि स्तर में गौर करूंगा. और सही समय आने पर इसका संविधान पीठ का भी गठन होगा. पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गत 30 अगस्त 20-22 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को जनहित याचिकाओं में पक्षकार बनाया था और उसे जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से न्याय की आस जगी है.