कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि गौतम अडानी के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए भाजपा द्वारा ओबीसी के नाम पर अपने दोहरे चरित्र का परिचय दिया जा रहा है। आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर अडानी और भाजपा के बीच का रिश्ता क्या है जो केन्द्र सरकार से लेकर पुरी की पुरी भाजपा अडानी के बचाव में खड़ी है।राजद प्रवक्ता ने भाजपा से जानना चाहा है कि जिस मोदी सरनेम को लेकर ओबीसी का अपमान बताया जा रहा है उसी सरनेम को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने वाली खुशबू सुन्दर भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य कैसे बन गई और उसे राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाकर और राज्य मंत्री का दर्जा देकर सम्मानित क्यों किया गया ? राहुल गांधी ने तो कुछ नामों को लेकर केवल सवाल किया था कि इन सबके सरनेम ‘मोदी’ कैसे हैं। पर खुशबू सुन्दर ने तो अपने ट्वीट में मोदी सरनेम वाले समस्त समुदाय को हीं अपमानित किया था। राजद प्रवक्ता ने कहा कि एक और बड़ा दिलचस्प बात है कि सुरत सिटी कोर्ट द्वारा फैसला सुनाने के बाद हीं राहुल गांधी की टिप्पणी पर भाजपा को ओबीसी की याद क्यूं आई । राहुल गांधी ने जब कर्नाटक के चुनावी सभा में यैसी टिप्पणी की थी उस समय भाजपा वालों को ओबीसी की याद क्यूं नहीं आई थी।राजद प्रवक्ता ने भाजपा नेताओं से जानना चाहा है कि ओबीसी समुदाय से आने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के डीएनए पर सवाल उठाना कौन सा सम्मान था।राजद प्रवक्ता ने कहा कि ओबीसी के लिए गठित रोहिणी आयोग का कार्यकाल 17 बार बढ़ाने वाले और जातिय जनगणना का विरोध करने वालों द्वारा ओबीसी के सम्मान की बात करने की मंशा से लोग भलीभांति परिचित हैं।राजद प्रवक्ता ने कहा कि अडानी प्रकरण पर चौतरफा घिरी हुई केन्द्र की भाजपा सरकार अगले लोकसभा चुनाव को लेकर काफी डर चुकी है और इसीलिए विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए ईडी, सीबीआई और आईटी जैसी केन्द्रीय एजेंसियों का न केवल बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है बल्कि अनैतिक तरीके से कौंग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को समाप्त कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को खुलेआम चुनौती दिया जा रहा है।