कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट -पटना, ३ अप्रैल। मेंटल हेल्थ में मानव-संसाधन उपलब्ध कराने वाली एशिया की सबसे बड़ी संस्था ‘मॉम्ज बिलीफ’ ने सोमवार को, विकलांगता के क्षेत्र में पुनर्वास-विज्ञान के सबसे पुराने संस्थान इंडियन इंस्टिच्युट औफ़ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च, बेउर में ‘कैंपस सेलेक्शन’ किया। कम्पनी के तीन रिक्रूटमेंट टीम के सामने संस्थान के फ़िज़ियोथेरापी, अकूपेशनल थेरापी तथा औडियोलौजी ऐंड स्पीच पैथोलौजी पाठ्यक्रमों के ४३ छात्र-छात्राएं साक्षात्कार हेतु उपस्थित हुए तथा वेतन के संबंध में अपनी अपेक्षाएँ व्यक्त की। इस दल में वरीय ऑडियोलौज़िस्ट ऐंड स्पीच पैथोलौजिस्ट डा प्रज्ञा परमिता चहतरे, एच आर हेड चरण जीत कौर तथा डा शिवम् राजपुत सम्मिलित थे ।यह जानकारी देते हुए, संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने बताया कि अच्छे वातावरण में ‘कैंपस सेलेक्शन की प्रक्रिया संपन्न हुई तथा रिक्रूटमेंट-टीम के सभी सदस्य प्रसन्न और संतुष्ट दिखे। आरंभ में संस्थान के सहस्राब्दी-सभागार में कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन दीप-प्रज्वलन कर किया गया तथा रोड़ी-तिलक के साथ अंग-वस्त्रम देकर अतिथियों का स्वागत किया गया।इस अवसर पर अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कहा कि निजी क्षेत्र में विकलांगता-पुनर्वास के प्रशिक्षण-कार्यक्रमों को सामने लाने वाला यह देश का प्रथम मान्यता-प्राप्त संस्थान है। पुनर्वास-विशेषज्ञता में मानव-संसाधन उपलब्ध कराने में इसकी भूमिका अभिभावक की रही है। यही कारण है कि संसार के प्रायः सभी देशों में इस संस्थान के विद्यार्थी अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।इस अवसर पर संस्थान के औडियोलौजी ऐंड स्पीच पैथोलौजी विभाग के अध्यक्ष डा विकास कुमार सिंह, डा पी कुमार, फ़िज़ियोथेरापी विभाग की अध्यक्ष डा संजीता रंजना, डा नवनीत झा, डा आदित्य ओझा, प्रो मधुमाला कुमारी, प्रो प्रिया तिवारी, प्रो चंद्रा आभा, संस्थान के निदेशक आभास कुमार, प्रशासी अधिकारी सूबेदार संजय कुमार समेत बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्रगण उपस्थित थे।