सौरभ निगम की रिपोर्ट /पटना, १२ अप्रैल। नवगठित बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डा एस एन सिन्हा ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समय पर परीक्षा और परिणाम सुनिश्चित करना होगा। इस हेतु चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में आधारभूत संरचना और योग्य शिक्षकों की सेवा सुनिश्चित की जाएगी।
यह बातें उन्होंने बेउर स्थित इण्डियन इंस्टिच्युट ऑफ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च द्वारा संस्थान परिसर में आयोजित निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और दिव्यांग पुनर्वास शिविर का उद्घाटन कारने के पश्चात अपने संबोधन में कही। डा सिन्हा ने कहा कि कोई शिक्षा संस्थान केवल भवन से नहीं बनता। वह बनता है योग्य शिक्षकों से, अनुशासित विद्यार्थियों से।
डा सिन्हा ने शिविर के उद्घाटन के पूर्व और उसके बाद संस्थान के विभागों एवं पुस्तकालय का भ्रमण किया तथा उपलब्ध संरचना और शिक्षण व्यवस्था पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने विद्यार्थियों का उत्साह-वर्द्धन किया और कहा कि आप किसी भी प्रकार से स्वयं को किसी चिकित्सक से कम नहीं समझे बल्कि बेहतर समझें। ध्यानपूर्वक शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करें और मन से सेवा करें।समारोह के मुख्य अतिथि तथा पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि आज चिकित्सकों पर सेवा में बेईमानी का आरोप लगता है। एक चिकित्सक का कर्तव्य है कि वह निष्ठापूर्वक रोगियों की सेवा करे। सेवा के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही समाज के लिए घातक सिद्ध होती है।सभा की अध्यक्षता करते हुए, संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कहा कि राज्य सरकार की स्वीकृति से, वर्ष १९९० में डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के साथ स्थापित हुए इस संस्थान में, १९९७ से स्नातक स्तरीय और २००८ से सनातकोत्तर स्तरीय पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। इस संस्थान से सदैव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बल दिया है, जिसका परिणाम है कि सम्पूर्ण विश्व में यहाँ से उत्तीर्ण विद्यार्थी अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा स्वास्थ्य और पुनर्वास शिविर भी लगाए जाते रहे हैं, जिसके माध्यम से अबतक हज़ारों की संख्या में दिव्यांगों का पुनर्वास और आम रोगियों की चिकित्सा हुई है।
वरिष्ठ फ़िज़ियोथेरापिस्ट डा नरेंद्र कुमार सिन्हा, डा उदय शंकर प्रसाद, वरिष्ठ ऑडियोलौजिस्ट डा जवाहरलाल साह, डा अवनीश रंजन तथा संस्थान के प्रबंध-निदेशक डा आकाश कुमार ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए।शिविर में ३५८ रोगियों का उपचार किया गया। श्रवण-दोष से पीड़ित सात व्यक्तियों को श्रवण-यंत्र प्रदान किए गए। ओडियोलौजिस्ट डा विकास कुमार सिंह, डा पी कुमार, फ़िजीथेरापिसट डा संजीता रंजना, डा नवनीत कुमार झा, डा आदित्य ओझा, नेत्र-रोग विशेषज्ञा प्रो जया कुमारी, प्रो संजीत कुमार, प्रो प्रिया कुमारी, प्रो देवराज कुमार, प्रो चंद्रा आभा, प्रो मधुमाला कुमारी, डा दीपक प्रसाद सिंह समेत संस्थान के दर्जनों चिकित्सक और वरीय छात्र-छात्राओं ने अपनी सेवाएँ दी।
इस अवसर पर, भारतीय पुलिस सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी चौरसिया डा चंद्रशेखर आज़ाद, ई शुभचंद्र सिन्हा, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, ई बी पी सिंह, सूबेदार संजय कुमार, नीरव समदर्शी, डा दिनेश दिवाकर, किरण झा समेत बड़ी संख्या में गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे।