कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /हमें अपराधियों और अपराध से कोई हमदर्दी नहीं है। हत्यारा…हत्यारा होता है, अपराधी होता है। अपराध का बिल्कुल ख़ात्मा होना चाहिए लेकिन उसके लिए कानून है, संविधान है और कोर्ट है। इस देश में प्रधानमंत्री के हत्यारों का भी ट्रायल हुआ है, सजा हुई है लेकिन किसी ने भी कानून को हाथ में नहीं लिया।यूपी में अतीक अहमद का नहीं बल्कि कानून का जनाजा निकला है। सुनियोजित तरीके से एक स्क्रिप्ट के तहत एक पूर्व सांसद की पुलिस कस्टडी में हत्या की गयी है। इसकी आशंका तो मरने वाले पहले से ही जता रहे थे। पुलिस कस्टडी में हत्या के मामलों में यूपी अव्वल है। उत्तरप्रदेश में ये सब सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए किया जा रहा है।देश में शांति रहेगी तो जनता महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और गरीबी जैसे मुद्दों पर चर्चा करेगी इसलिए बीजेपी और बीजेपी समर्थित, संरक्षित और संपोषित अपराधी गोदी मीडिया के सहयोग से देश में हिंसक संस्कृति को जन्म दे रहे है। BJP बहुत खतरनाक राजनीति कर देश को अकल्पनीय बर्बादी की ओर धकेल रही है।