भारत-चीन बॉर्डर पर बढ़ती फेस ऑफ (टकराव) की घटनाओं को देखते हुए इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवानों को चाइनीज लैंग्वेज सिखाई जा रही है। ताकि वो चीनी सैनिकों को उन्हीं की भाषा में जवाब दे सकें। पैरा मिलिट्री फोर्स के 56th राइजिंग डे पर होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह मंगलवार को ग्रेटर नोएडा के कैंप पहुंचे। जवानों का हौंसला अफजाई करते हुए उन्होंने कहा, ”चीन से सटी बॉर्डर की सिक्युरिटी का जिम्मा आईटीबीपी के कंधों पर है, मैं बॉर्डर पोस्ट पर गया हूं। जानता हूं कि कैसे हमारे जवान माइनस 40 डिग्री टेम्परेचर में ड्यूटी करते हैं। हम 50 नई मॉडर्न बॉर्डर पोस्ट बना रहे हैं.
– होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने कहा, ”हम फोर्स की ऑपरेशनल और इंफ्रास्ट्रक्टर कैसिपिटी को बढ़ा रहे हैं। हाल ही में 50 ऐसे बॉर्डर पोस्ट बनाने का फैसला हुआ है, जिनका टेम्परेचर साल के सभी मौसम में 20 डिग्री रहेगा। फिलहाल ऐसी 176 पोस्ट चीन बॉर्डर पर बनी हुई हैं। 35 को अपग्रेड किया जा चुका है। इससे जवानों की परेशानियां कम होंगी।”
– ”मैं पिछले दिनों लद्दाख की बॉर्डर पोस्ट पर गया था। यहां टेम्परेचर बाहर के मुकाबले कम था। हम चाहते हैं कि सिक्किम और ईस्टर्न सेक्टर में भी ऐसी पोस्ट बनाई जाएं। आईटीबीपी के लिए बॉर्डर एरिया में रोड, मोबाइल और सैटेलाइट कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है।”
बॉर्डर पर रहने वालों से अच्छे रिश्ते रखें जवान: HM
– राजनाथ सिंह ने कहा, ” जवानों को बॉर्डर के पास रहने वाले लोगों के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहिए, क्योंकि वो देश के स्ट्रैटजिक एसेट्स हैं और सिक्युरिटी में अहम रोल निभा सकते हैं।”
– ”बॉर्डर पर फेस ऑफ (टकराव) की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए आईटीबीपी जवानों को चाइनीज लैंग्वेज सिखाई जा रही है। अब ये उनकी बेसिक ट्रेनिंग का हिस्सा होगा।”
– अफसरों से कहा, ”आपको हर फोर्स के हर शहीद जवान के परिवार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। होम मिनिस्ट्री भी 50% डिसऐबिलिटी वाले जवानों की मदद कर रही है।”
1962 में बनाई गई थी आईटीबीपी
– इस दौरान आईटीबीपी के डीजी आरके पचनंदा ने बताया कि फोर्स ने बॉर्डर सिक्युरिटी कड़ी करने के लिए इंटेलिजेंस पॉवर बढ़ाई है।
– बता दें कि 1962 में आईटीबीपी बनाई गई थी। इसके जवान उत्तराखंड, अरुणाचल, हिमाचल और सिक्किम में चीन से सटी 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा की निगरानी करते हैं।