रामशंकर की रिपोर्ट /आरा ब्यूरो – बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोपगुट) एवं राष्ट्रीय महिला शिक्षक मोर्चा ( NFWT ) भोजपुर के द्वारा बिहार सरकार द्वारा जारी नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली – 2023 के विरोध में एक दिवसीय विशाल धरना/ प्रदर्शन किया गया। संघ के सैकड़ों शिक्षक/शिक्षिकाओं का जत्था हाथ में बैनर – झंडा लिए – बिना शर्त नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देना होगा-देना होगा, बिहार सरकार होश में आओ-होश में आओ, मुख्यमंत्री तेरी मनमानी नहीं चलेगी-नहीं चलेगी, तेजस्वी को किया विदा निभाना होगा- निभाना होगा आदि नारों के साथ भोजपुर समाहरणालय, आरा के समक्ष पहुंचा। वहां पर संघ ने बिहार सरकार के द्वारा जारी की गई नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली की प्रतियों को जलाकर बिहार सरकार से अपना विरोध जताया। इसके बाद समाहरणालय पहुंच कर प्रदर्शन धरना में तब्दील हो गया। धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षक संघ ( गोपगुट ) के जिलाध्यक्ष, कृष्ण सिंह ‘विमल’ और मंच संचालन, जिला उपाध्यक्ष, केदारनाथ सिंह ने किया। धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृष्ण सिंह ‘विमल’ ने कहा कि बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ सीधे तौर पर वादाखिलाफी करते हुए विश्वासघात किया है। वर्तमान उप मुख्यमंत्री जब प्रतिपक्ष के नेता थे तो कहते फिरते थे कि हम अपनी पहली कैबिनेट में ही नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देंगे लेकिन आज वादा से मुकरे ही नहीं बल्कि नियोजित शिक्षकों को अंधकार में रखते हुए उनके साथ नाइंसाफी का बर्ताव किया गया है।शिक्षक संघ ( गोपगुट ) के जिला सचिव, धर्म कुमार राम ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि हम बिहार के शिक्षक सरकार बनाने की हैसियत रखते हैं तो सरकार बदलने की भी कूबत रखते हैं। नीतीश कुमार यदि समय रहते हुए इस शिक्षक विरोधी नीति को वापस नहीं लेते हैं तो हम बिहार के सभी कोटि के शिक्षक अब एक मंच पर आ रहे हैं और सरकार की ईंट से ईंट बजा कर छोड़ेंगे। शिक्षक संघ ( गोपगुट ) के राज्य सचिव, कमलेश कुमार ने कहा कि सरकार को बिना शर्त नियोजित शिक्षकों राज्यकर्मी का दर्जा देना होगा वरना जब वर्तमान सरकार निकम्मी है तो यह सरकार बदलनी है।धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महिला शिक्षक मोर्चा ( NFWT ) की महासचिव, कुमारी अल्का ने कहा कि बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा न देकर नई नियमावली लाकर विश्वासघात किया है। पूर्व के सभी नियोजित शिक्षक सरकार के नियमावली के कही अनुसार, दक्षता, टीईटी, सीटेट उत्तीर्ण और प्रशिक्षित हैं। जिला सचिव ( NFWT ) अंजु कुमारी ने कहा कि पूर्व की नियमावली के अनुसार नियोजित शिक्षकों को प्रोन्नति देनी थी जिसे बिहार सरकार ने कूड़ेदान में डालकर एक बड़ा धोखा करते हुए अचानक नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली जारी कर दिया है जिसे बिहार के नियोजित शिक्षक किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे।धरना कार्यक्रम को जिला संयुक्त सचिव, अरविंद कुमार, प्रखंड अध्यक्ष सहार, अरुण वर्मा , प्रतिमा उपाध्याय , अजय , मनोज कुमार , प्रखंड सचिव , आरा , उमाशंकर प्रसाद , उमेश कुमार , पंकज कुमार ने संबोधित करते हुए बिहार सरकार की खुली भर्त्सना की। धरना कार्यक्रम के अंत में संघ का एक शिष्टमंडल के द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री के नाम अपना एक सूत्री मांग पत्र बिना शर्त नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिये जाने से संबंधित जिला पदाधिकारी, भोजपुर को सौंपा। मौके पर किरण भारती, प्रतिभा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी , कुमारी दुर्गावती राय, नीतू साह , रामदेव राम , श्रवण कुमार सिंह, पंकज कुमार उपाध्यक्ष, उमेश कुमार,संयुक्त सचिव, सहार, निर्मल कुमार , संतोष सावन सहित सैंकड़ों शिक्षकों ने धरना/प्रदर्शन में शिरकत किया।