पटना, २१ अप्रैल। भारत के प्रथम राष्ट्रपति एवं बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के संस्थापकों में से एक देश-रत्न डा राजेंद्र प्रसाद के पुण्य-स्मृति-दिवस की षष्टि-पूर्ति को समर्पित, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का ४२ वाँ महाधिवेशन आगामी ६-७ मई को, सम्मेलन सभागार में संपन्न होगा, जिसका उद्घाटन ६ मई को पूर्वाह्न ११ बजे, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर करेंगे। समापन-सहसम्मान समारोह के मुख्य अतिथि केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्माद खान होंगे। सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने महाधिवेशन की स्वागत समिति गठित कर दी है, जिसके अध्यक्ष पूर्व सांसद और वरिष्ठ पत्रकार डा रवींद्र किशोर सिन्हा बनाए गए हैं। साहित्य सम्मेलन प्रयाग के अध्यक्ष प्रो सूर्य प्रसाद दीक्षित, केंद्रीय हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष डा अनिल शर्मा जोशी, ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो चक्रधर त्रिपाठी समेत अनेक विद्वानों और विदुषियों का लगेगा ‘साहित्य-कुंभ’।शुक्रवार को सम्मेलन सभागार में, डा अनिल सलाभ की अध्यक्षता में, सम्मेलन की कार्यसमिति और स्वागत समिति की संपन्न हुई संयुक्त बैठक में दो दिवसीय इस महाधिवेशन की पूरी रूप-रेखा सुनिश्चित कर दी गई। लिए गए निर्णय के अनुसार, उद्घाटन-सत्र के अतिरिक्त महाधिवेशन के प्रथम दिन दो वैचारिक-सत्र, स्थाई समिति की बैठक और संध्या में सांस्कृतिक-उत्सव का आयोजन होगा। ७ मई को दो वैचारिक-सत्रों के पश्चात राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन का आयोजन होगा तथा अपराह्न में ४-३० बजे से समापन-सह-सम्मान समारोह आयोजित होगा, जिसमें चयनित विदुषियों और विद्वानों को बिहार के महान साहित्यकारों के नाम से नामित अलंकरणों से विभूषित किया जाएगा।प्रथम वैचारिक-सत्र का विषय- “देशरत्न डा राजेंद्र प्रसाद: उनकी हिन्दी सेवा और ग्रामीण-चेतना’ , द्वितीय सत्र का विषय- “हिन्दी साहित्य में कृषक विमर्श”, तृतीय सत्र का विषय – “एक राष्ट्र, एक राष्ट्रभाषा और एक राष्ट्र-लिपि” तथा चतुर्थ सत्र का विषय- “भारत की वैश्विक-चेतना और वसुधैव क़ुतुम्बकम” निर्धारित किया गया है। सभी सत्रों में अलग-अलग विद्वानों और विदुषियों के व्याख्यानों से महाधिवेशन के प्रतिनिधि लाभान्वित होंगे। देश के विभिन्न प्रदेशों से आए आमंत्रित विद्वानों और विदुषियों के अतिरिक्त बिहार के तीन सौ प्रतिनिधि महाधिवेशन का हिस्सा होंगे, जिन्हें प्रतिभागिता-प्रमाणपत्र और स्मृति-उपहार दिए जाएंगे।बैठक में, स्वागत समिति के अध्यक्ष डा रवीन्द्र किशोर सिन्हा, सम्मेलन के डा शंकर प्रसाद, डा मधु वर्मा, डा कल्याणी कुसुम सिंह, सम्मेलन के प्रधानमंत्री डा शिववंश पाण्डेय, डा ध्रुव कुमार, डा शालिनी पाण्डेय, डा पुष्पा जमुआर, डा सागरिका राय, डा सुधा सिन्हा, डा पूनम आनंद,कृष्णरंजन सिंह, आराधना प्रसाद, कुमार अनुपम, डा सुमेधा पाठक, डा सीमा रानी, डा नदेश्वर प्रसाद यादव, शुभचंद्र सिन्हा, अम्बरीष कांत, ई आनन्द किशोर मिश्र, मधु रानी लाल, श्याम बिहारी परभक, लता प्रासर, डा पल्लवी विश्वास, अमरेन्द्र कुमार, डा पंकज वासिनी, रेखा भारती, सदानन्द प्रसाद, डा नागेश्वर प्रसाद यादव, कृष्णा मणिश्री, डा नीलू अग्रवाल, डा सुषमा कुमारी, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, डा पंकज कुमार ‘बसंत’,आनन्द मोहन झा, प्रेम लता राजपुत, बिंदेश्वर प्रसाद गुप्त, इंदु उपाध्याय, अरुण कुमार श्रीवास्तव, अप्सरा रणधीर, सुनील कुमार उपाध्याय, संजू शरण, पूनम देवा, पूनम सिन्हा श्रेयसी, शशि भूषण कुमार, नीरव समदर्शी, राजेश भट्ट, पंकज प्रियम, बाँके बिहारी साव, चितरंजन लाल भारती, प्रवीर कुमार पंकज समेत, महधिवेशन की तैयारी समिति (कार्यसमिति और स्वागत समिति) के अधिकारी और सदस्यगण उपस्थित थे।