धीरेन्द्र वर्मा -दिल्ली मुख्य ब्यूरो / सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला -नफरती भाषण पर तुरंत कार्रवाई करें राज्य सरकार। जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ में नफरत फैलाने वाले भाषणों को गंभीर अपराध बताया। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि इसमें देश के धार्मिक ताने-बाने को नुकसान पहुंच रहा है। नफरत के भाषण मामले में अगली सुनवाई 12 मई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि किस दर्ज करने में देरी को अवमानना माना जाएगा। शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी कि इस बहुत गंभीर विषय पर कार्रवाई करने में प्रशासन की ओर से देरी को अदालत को अवमानना माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि राज्य सरकारी रैलियों के दौरान नफरत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है।