धीरेन्द्र वर्मा -दिल्ली ब्यूरो / सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला – अकेला व्यक्ति भी बच्चा गोद ले सकता है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने की टिप्पणी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की दलीलों पर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम फैसला देते हुए कहा कि समलैंगिक विवाह मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि भारतीय कानून विभाग की स्थिति की परवाह किए बिना अकेले व्यक्ति को भी बच्चा गोद लेने की अनुमति देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून मानता है कि आदत परिवार की अपने जैविक संतान होने के अलावा भी कुछ विषम परिस्थितियां हो सकती है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने संबंधी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष दलील दी कि लिंग की अवधारणा परिवर्तनशील हो सकती है, लेकिन मां और मातृत्व नहीं।