कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट ; रिजर्व बैंक द्वारा 2000 के नोट को वापस लेने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि रिजर्व बैंक के इस फैसले ने यह साबित कर दिया है कि सरकार द्वारा “नोटबंदी” का लिया गया फैसला पूर्ण रूप से अदूरदर्शी और जनविरोधी था। बड़ी संख्या में लोगों को परेशान होना पड़ा। लाठियां खानी पड़ी। जीवन भर की कमाई गंवानी पड़ी। और नोटबंदी के जिन उद्देश्यों को प्रचारित किया गया वह कोई पुरा नहीं हुआ। न काला धन पकड़ में आया और न आतंकवादियों एवं उग्रवादियों के फंडिंग पर रोक लगी।राजद प्रवक्ता ने कहा कि पिछले काफी दिनों से ऐसे भी 2000 के नोट प्रचलन से गायब हैं। किसी भी बैंक के एटीएम में 2000 के नोट मिलना काफी पहले से बंद है। बैंक भी 2000 के नोट देना बंद कर दी थी। आखिर सबसे बड़ा सवाल है कि 2000 रुपए के नोट गायब कहां हो गया।राजद प्रवक्ता ने शंका व्यक्त करते हुए कहा है कि संभव है कि रिजर्व बैंक के इस फैसले के पीछे बड़े पैमाने पर दाब कर रखे गए ब्लैक मनी को व्हाइट करने की मंशा छुपी हो।