कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट ; राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि बिहार में सत्ता छीने जाने के बाद हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में मिली शर्मनाक हार की वजह से निराशा और हताशा से पीड़ित भाजपा आगामी 12 जून को पटना में होने वाले गैर भाजपा दलों की बैठक की खबर सुनकर अब बदहवास हो गई है। इसी वजह से उनके नेताओं का सुर-ताल गड़बड़ा गया है और सभी नेता अपना अलग-अलग राग अलापने लगे हैं।राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा का कोई नेता 30 मई से 30 जून तक जनसमपर्क अभियान चलाने की बात कर रहा है तो कोई 6 जून को जनसभा करने की घोषणा कर रहा है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने तो 12 जून को होने वाले गैर भाजपा दलों की बैठक का हीं विरोध करने का ऐलान कर दिया है। भाजपा इतना ज्यादा घबरा गई है कि वह अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह सहित प्रधानमंत्री जी को भी बिहार बुला रही है। ये सारी घोषणाएं भाजपा के बदहवासी की पहचान है।नेता प्रतिपक्ष द्वारा गैर भाजपा दलों की बैठक का विरोध करने का निर्णय अपने आप में एक अद्भुत घोषणा है। चुंकि स्वतंत्र भारत में राजनीतिक दलों के नेताओं के किसी बैठक के विरोध का कोई उदाहरण नहीं है। भाजपा नेताओं के बयानों से तो यही लग रहा है कि 2024 तो दूर वे 2023 में हीं अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं।राजद प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा पिछले 9 सालों में देश के अन्दर जो हालात पैदा कर दिए गए हैं उससे जनता का भरोसा टूट चूका है। जिन भावनात्मक मुद्दों को भड़का कर वह राजनीतिक लाभ लेती रही है लोग उसे समझ चुके हैं और कर्नाटक की जनता इसका जवाब दे चुकी है।