पटना, ८ जून। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभागार में आगामी ११जून को, सम्मेलन की स्थापना के सूत्रधार और मनीषी साहित्य-सेवी रामधारी प्रसाद ‘विशारद’ की जयन्ती के अवसर पर एक कथा कार्यशाला आयोजित की जा रही है, जिसमें कथा-साहित्य के विविध रूपों, भेदों, विधाओं और उसके शिल्प, शैली और रचना-प्रक्रिया में सम्यक् प्रशिक्षण दिया जाएगा।यह जानकरी देते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने बताया है कि कार्यशाला में अनुभवी कथा-लेखकों और विद्वानों द्वारा कथा-लेखन के व्यावहारिक पक्ष पर विशेष बल देकर, नवोदित लेखकों तथा लेखन में अभिरूचि रखने वाले व्यक्तियों को सम्यक् शिक्षा दी जाएगी तथा लेखन-प्रक्रिया में प्रायः आने वाली त्रुटियों के निराकरण के सूत्र भी दिए जाएँगे।डा सुलभ के अनुसार प्रशिक्षण आरंभ करने के पूर्व, सम्मेलन की स्थापना के सूत्रधार और मुज़फ़्फ़रपुर के स्तुत्य हिन्दी-सेवी पुण्यश्लोक रामधारी प्रसाद ‘विशारद’ को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण-शाला में रूचि-संपन्न सभी, वरिष्ठ, कनिष्ठ अथवा नवोदित साहित्यकार, भाग ले सकते हैं। पंजीकृत प्रतिभागियों को प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।