निखिल दुबे की रिपोर्ट /नई शिक्षा नीति 2020 को लेकर सुपौल के त्रिवेणीगंज के एएलवाई कॉलेज सभागार में दो दिवसीय राष्ट्रिय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के वीसी सहित देश के अन्य प्रांतों व पड़ोसी देश नेपाल से आये शिक्षाविद मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत से पूर्व आगत अतिथियों ने कॉलेज परिसर में स्थापित पूर्व मंत्री सह समाजवादी नेता स्व अनूप लाल यादव के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। रविवार को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के प्रथम दिन कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई। ततपश्चात आये अतिथियों का स्वागत कॉलेज की छात्राओं द्वारा स्वागत गान से किया गया इसके बाद सभी का मिथिला परंपरा द्वारा पाग दुशाला बुके से सम्मानित किया गया।मुख्य अतिथि के रूप में बीएनएमयू मधेपुरा कुलपती प्रो डॉ आरकेपी रमण, पूर्व उपकुलपति प्रो डॉ आभा सिंह, पूर्व कुलपति बीएनएमयू प्रो डॉ अवध किशोर राय, प्रो डॉ फारूक अली कुलपति जेपीयू छपरा, प्रो डॉ राजनाथ यादव कुलपति पूर्णिया यूनिवर्सिटी, प्रो डॉ घनश्याम लाल दास कुलपति पूर्वांचल यूनिवर्सिटी नेपाल मौजूद थे। इसके अलावा देश के अन्य प्रांतों के बिभिन्न विश्वविद्यालय से आये शिक्षाविदों ने सेमिनार में हिस्सा लिया। कार्यक्रम को लेकर मधेपुरा यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो डॉ आरकेपी रमण ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने से पूर्व देश मे नई नीति के बारे में जागरूकता व इसकी विस्तृत जानकारी साझा की जा रही है। जिससे नीति में व्याप्त खामियों को दूर किया जा सके। इसे लेकर पूर्व में भी बिहार के महामहिम राज्यपाल द्वारा संगोष्ठियां आयोजित की गई है। खासकर नए सत्र 2023 से 2027 तक मे इसे लागू किये जाने को लेकर सरकार इस कोशिश में लगी है कि जल्द से जल्द इसे लागू किया जा सके । पुरानी शिक्षा नीति की अपेक्षा नई शिक्षा नीति को अधिक कारगर बताते हुए कुलपति मधेपुरा प्रो डॉ आरकेपी रमण ने कहा की नई नीति से रोजगार का भी सृजन होगा।