जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 16 जून ::मानव अधिकार रक्षक के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने एक जमीन की रजिस्ट्री नहीं करने की जानकारी देते हुए कहा कि संस्था के पहल पर वृहस्पतिवार को पटना नगर आरक्षी अधीक्षक (सिटी एस पी) ने अभियुक्त को गिरफ्तार करने का दिया आदेश दिया है।उन्होंने बताया कि बरबीघा, बिहार शरीफ के निवासी रामसरन प्रसाद ने 20 मई 2023 को लिखित आवेदन देकर मानव अधिकार रक्षक से मदद करने का अनुरोध किया था। उन्होंने आवेदन के माध्यम से बताया था कि विगत दो वर्ष पहले 35 लाख रूपये में पटना जिला के बेऊर थाना अंतर्गत जमीन खरीदने के लिए संजीव कुमार दुबे से तय कर एग्रीमेंट किया था। एग्रीमेंट के अनुसार सारे रूपये जमा कर देने के बाद जमीन लिखने से मना कर दिया।राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि रामसरन प्रसाद को रजिस्ट्री करने के संजीव कुमार दुबे ने आज कल कहते हुए एक वर्ष बीता दिया। मजबूर होकर रामसरन प्रसाद ने मार्च 2022 में बेऊर थाने में आवेदन दिया। थाना में में संजीव कुमार दुबे ने अगले महीने में रजिस्ट्री करने की बात कही, लेकिन उसने रजिस्ट्री नहीं किया। थाना घर पर कुछ दिन आता जाता रहा और अन्त में कहा की वे घर पर नहीं है और मामला शांत हो गया।उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में रामसरन प्रसाद ने दुबारा मामला बेऊर थाना में दर्ज कराया। लेकिन फलाफल शून्य रहा। यहां तक कि पुलीस के सामने संजीव कुमार दुबे के परिवार के लोग रामसरन प्रसाद को गालियां दी और मारपीट भी किया।उन्होंने बताया कि रामसरन प्रसाद के आवेदन पर मानव अधिकार रक्षक के संस्थापिका रीता सिन्हा ने समीक्षा बैठक की और उसपर संज्ञान लेकर उचित पहल करने का निर्णय लिया।राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने पटना आरक्षी अधीक्षक से आवेदन के साथ मिलने के लिए रामसरन प्रसाद को परामर्श दिया। रामसरन प्रसाद के आवेदन पर दो – तीन हफ्ते में कोई करवाई नहीं होने पर मानव अधिकार रक्षक ने इसे गंभीरता से लेते हुए 15 जून (वृहस्पतिवार) को मानव अधिकार रक्षक के संस्थापिका रीता सिन्हा ने अपने सदस्यों के साथ बेऊर थाना के थाना प्रभारी से मिलकर मामले की पूरी जानकारी ली, जिसमें थाना प्रभारी ने यह भी बताया कि पटना नगर आरक्षी अधीक्षक की सहमती नहीं मिलने के कारण अभियुक्तों को गिरफ्तार नही किया जा रहा है।मानव अधिकार रक्षक प्रतिनिधि मंडल में संस्थापिका रीता सिन्हा के नेतृत्व में पटना जिला अध्यक्ष पूजा सिन्हा, सदस्यगण राजेंद्र सिन्हा, स्वेता बॉबी, रश्मि सिन्हा, सरिता सिंह, गीता प्रसाद, किरण कुमारी शामिल थी।मानव अधिकार रक्षक की प्रतिनिधि मंडल ने पश्चिमी पटना नगर आरक्षी अधीक्षक (सिटी एसपी) के कार्यालय पहुंच कर पूरे मामले की जानकारी दी। जानकारी से अवगत होते ही पश्चिमी पटना नगर आरक्षी अधीक्षक (सिटी एसपी)ने तुरंत ही मामले को गंभीरता से लिया और थाना प्रभारी को आदेश दिया कि जल्द से जल्द सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी होनी चाहिए।पश्चिमी पटना नगर आरक्षी अधीक्षक (सिटी एसपी) ने मानव अधिकार रक्षक को आश्वासन दिया है कि 1 महीने के अंदर सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर उचित कार्यवाही की जायेगी।