कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट ; बिहार अपने गौरवशाली इतिहास को दोहराने जा रही है। राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि बिहार के लिए यह गर्व की बात है कि देश के डेढ़ दर्जन से ज्यादा राजनीतिक दलों का शीर्ष नेतृत्व और अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री एक बहुत बड़े मिशन को लेकर आगामी 23 जून को पटना पहुंच रहे हैं। पुरे देश की नजर इस बैठक पर है। बैठक को लेकर आम लोगों में भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।राजद प्रवक्ता ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी एवं जनभावनाओं के खिलाफ आचरण करने वाली संवेदनहीन और निरंकुश सत्ता से मुक्ति चाहने वाली जनता इस बैठक से काफी उत्साहित हैं। वहीं इस बैठक को लेकर भाजपा काफी डर गई है। 2024 में सत्ता छीनने के भय से भाजपा नेताओं की बेचैनी और घबराहट काफी बढ़ गई है। जिसकी झलक उनके बयानों में साफ तौर पर दिखाई पड़ रहा है। इतना हीं नहीं इनके शीर्ष नेताओं गृहमंत्री अमित शाह जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा साहब का ताबड़-तोड़ कार्यक्रम भी बिहार में लगा दिया गया था पर अब 24 जून को झंझारपुर में होने वाली नड्डा साहब के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। नड्डा साहब को यह एहसास हो गया है कि 23 जून को गैर भाजपा दलों की बैठक के बाद बने माहौल में उनका कार्यक्रम फ्लॉप हो जाएगा।राजद प्रवक्ता ने कहा कि कुछ दिन पूर्व तक तो भाजपा विपक्षी एकता को लेकर खुद भी भ्रम में थी और दूसरों को भी भ्रमित करने का प्रयास कर रही थी। पर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद जी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी के पहल से विपक्षी एकता के सकारात्मक परिणाम आने के बाद भाजपा के पैर के नीचे की जमीन खिसक गई है। हालांकि भाजपा के कुछ नेता अभी भी 2014 और 2019 का सपना देख रहे हैं जबकि स्थितियां काफी बदल चुकी है और इनके चाल , चरित्र और चेहरा के असली रूप को लोग पहचान चुके हैं।राजद प्रवक्ता ने कहा कि कल से हीं नेताओं के पटना आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। बिहार महागठबंधन द्वारा नेताओं के स्वागत की तैयारी की जा रही है। देश, संविधान और लोकतंत्र के लिए 23 जून एक ऐतिहासिक दिन बनने जा रहा है।