पटना, २३ जून। इस वर्ष का ‘डा दीनानाथ शरण स्मृति सम्मान’ हेतु, हिन्दी और नेपाली के वरिष्ठ कवि तथा नेपाल हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा राम दयाल ‘राकेश’ का चयन किया गया है। इन्हें आगामी २६ जून २०२३ को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आहूत जयंती समारोह में सम्मानित किया जाएगा। इसी समारोह में नेपाल की ही विदुषी कवयित्री संगीता ठाकुर को ‘शैलजा जयमाला स्मृति सम्मान’ से अलंकृत किया जाएगा। सम्मानित होने वाली दोनों विभूतियों को क्रमशः ग्यारह हज़ार और पाँच हज़ार एक सौ की सम्मान राशि भी दी जाएगी।यह जानकारी देते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने बताया है कि इस अवसर पर, डा शरण की काव्य-पुस्तक ‘शैला के प्रति’ का रूसी और अर्मेनियायी भाषाओं में अलग-अलग हुए अनुवाद का लोकार्पण भी किया जाएगा। इस अवसर पर अमेरिका से आए डा शरण के पुत्र कौशिक शरण भी उपस्थित रहेंगे। उनके दूसरे पुत्र और आर्मेनिया दूतावास में अधिकारी शंभु अमिताभ अंतर्जाल के माध्यम से जुड़ेंगे।डा सुलभ के अनुसार जुलाई माह में, सम्मेलन के ४२वें महाधिवेशन की राष्ट्र-व्यापी सफलता के उपलक्ष्य में आनंदोत्सव-सह-सम्मान-समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महाधिवेशन में अपनी सक्रिय सेवा देने वाली विदुषियों और विद्वानों का ‘सम्मेलन-शिरोमणि’, ‘सम्मेलन-चूड़ामणि’, ‘सम्मेलन-रत्न’ एवं ‘सम्मेलन-सेवी’ अलंकरणों से विभूषित किया जाएगा। यह निर्णय सम्मेलन की कार्यसमिति की पिछले १८ जून को सपन्न हुई बैठक में लिया गया।बैठक में, सम्मेलन के उपध्यक्ष डा उपेंद्र नाथ पाण्डेय, डा शंकर प्रसाद, डा कल्याणी कुसुम सिंह, सम्मेलन के प्रधानमंत्री दा शिववंश पांडेय, डा ध्रुव कुमार, डा पुष्पा जमुआर, प्रो सुशील कुमार झा, डा मेहता नगेंद्र सिंह, दा शालिनी पाण्डेय, श्याम बिहारी प्रभाकर, आराधना प्रसाद, कृष्णरंजन सिंह, ई अशोक कुमार, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, कुमार अनुपम, चितरंजन लाल भरती, जय प्रकाश पुजारी, डा अमरनाथ प्रसाद, ज्ञानेश्वर शर्मा, प्रवीर कुमार पंकज, शशि भूषण कुमार, डा पंकज वसंत, बाँके बिहारी साव, ब्रह्मानन्द पांडेय, कमल किशोर कमल, सुनील कुमार उपाध्याय, लता प्रासर, दा रेखा भारती, दा सीमा यादव, सदानंद प्रसाद आदि सदस्यगण उपस्थित थे।