कौशलेन्द्र की रिपोर्ट /बिहार प्रदेश जनता दल यूनाइटेड की प्रदेश प्रवक्ता सह बिहार राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती अंजुम आरा ने बयान जारी कर कहा कि. :क्या मणिपुर एवं पहलवान बेटियों के साथ हो रहे उत्पीड़न पर क्या राष्ट्रीय महिला आयोग श्री अमित शाह एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से डर गई है ?क्या इस विषय पर राष्ट्रीय महिला आयोग की ज़बान खामोश नहीं है ?प्रतिबंधित क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कानून तोड़ने वाले पर जब कार्रवाई होती तब राष्ट्रीय महिला आयोग को जांच करना नजर आ रहा है।जबकि मणिपुर में महिलाओं की अस्मत लूटी जाती रही, जांबाज पहलवान बेटियों को बेरहमी से सड़कों पर घसीटा गया, मोदी सत्ता में महिलाओं का सशक्तीकरण न कर उनका निर्वस्त्रिकरण हो रहा है जिसका राष्ट्रीय महिला आयोग साक्षात गवाह बनी है।ऐसी संस्थाओं के कार्य प्रणाली पर विपक्ष पहले से ही सवाल उठा रहा है कि केंद्र के द्वारा संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग से मैं यह कहना चाहती हूं कि आप घूमते रहिए, बिहार की बेटियों के लब आज़ाद हैं बिहार की बेटियां साइकिल पर चढ़कर भयमुक्त वातावरण में स्वतंत्र होकर अपने सपनों को साकार कर रही हैं राष्ट्रीय महिला आयोग के आने का कोई प्रभाव बिहार में नहीं पड़ने वाला है। बेहतर होता कि राष्ट्रीय महिला आयोग मणिपुर तथा पहलवान बेटियों को न्याय दिलाने के लिए खड़ी होती तो देश की आवाम में इनके प्रति सम्मान होता। इनका बिहार दौरा सिर्फ राजनीति से प्रेरित है।