प्रिया की रिपोर्ट /आज विश्वविद्यालयों की स्वयंत्रता खतरे में है, ऐसे में शिक्षकों को संगठित होने और संघ को मजबूत करने की आवश्यकता है । यह बातें टी.पी.एस. कॉलेज शिक्षक संघ एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित अपने विदाई-सह-सम्मान समारोह में हिन्दी के प्राध्यापक एवं मशहूर रंग कर्मी प्रो. जावेद अख्तर खाँ ने कहीं । उन्होंने कहा कि आज मैं जो भी हूँ उसमें इस महाविद्यालय और मेरे सह-कर्मियों का बड़ा हाथ है । इस अवसर पर प्रधानाचार्य प्रो. उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि जावेद साहब जैसा शिक्षक मिलना मुश्किल है । उन्होंने शिक्षण पद्धिति में जो नया प्रयोग किया वह अनुकर्णीय है । रंग मंच के क्षेत्र में भी उनका योगदान सराहणीय है । शिक्षक संघ के सचिव प्रो. श्यामल किशोर ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि जावेद अख्तर खाँ हिन्दी के विद्वान शिक्षक तो थे ही कला एवं समाज सेवा के क्षेत्र में भी उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई । उर्दू के जाने माने साहित्यकार प्रो. अबू बकर रिज़वी ने इस अवसर पर अपनी नज़्म ‘’ एक दिवाने से कुछ देर मुलाकात की बात‘’ सुनाकर स्त्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया । इस अवसर पर मनोविज्ञान विभाग में कार्यरत कर्मचारी श्री सुधांशु कुमार को भी विदाई दी गई । वक्ताओं ने प्रो. जावेद एवं श्री सुधांशु के स्वस्थ एवं दीर्घायु होने की कामना की । समारोह को पूर्व प्रधानाचार्य प्रो. श्रीकान्त शर्मा, सेवानिवृत प्रध्यापक प्रो. अरूण कुमार, प्रो. रूपम, श्री शशि भूषण चौधरी, श्री वंकेटेश ने भी सम्बोधित किया । छात्र-छात्राओं ने संगीत का कार्यक्रम पेश किया । इस अवसर पर प्रो. अंजलि प्रसाद, प्रो.एस.ए.नूरी, प्रो. विजय कुमार, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. नुपुर, डॉ. मुकुन्द, डॉ. दीपिका शर्मा, डॉ. प्रीति, डॉ. नूतन, डॉ. शशि प्रभा दूबे, डॉ. उषा किरण, डॉ. धर्मराज राम, डॉ. रघुवंश मणी, श्री मनोज कुमार, श्री आलोक कुमार, श्री अम्ब्रीश कुमार, श्री जक़ी इमाम, श्री दीपक कुमार, श्री तुमुल आंनद, श्री मृत्युजंय कुमार भी मौजूद थे। प्रो. अबू बकर रिज़वी(मिडिया प्रभारी) टी.पी.एस. कॉलेज, पटना