सारण ब्यूरो /बिहार में शराबबंदी को लेकर लगातार उत्पाद विभाग की टीम सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी कर रही है जिसके कारण शराब कारोबारी कई तरह के हथकंडे अपनाकर बिहार में शराब लाने के लिए चेष्टा करते हैं इसी दौरान आज छपरा के कटसा में उत्पाद विभाग की टीम ने एक कार को जप्त किया जिसमें शराब लगे हुए थे साथी दो व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया इस संदर्भ में उत्पाद अधीक्षक रजनीश ने पत्रकारों को बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश के सलेमपुर से अंग्रेजी शराब एक कार में रखकर बिहार जा रहा है जोकि पटना उसे देना है जिसको लेकर हमारी टीम ने जांच अभियान शुरू किया जिसके दौरान कटसा में जाकर उस कार को जब कर लिया गया जिसमें भारी मात्रा में शराब पाए गए। उन्होंने बताया कि यह शराब उत्तर प्रदेश के सलेमपुर से चलकर पटना जाना था जो की सिवान के रास्ते छपरा में यह पहुंचे थे जिसकी सूचना पर इन्हें कटसा से पकड़ा गया। लेकिन सवाल यह उठता है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी है उसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश से लगातार शराब की कई गाड़ियां पकड़ी जाती हैं और व्यक्ति भी गिरफ्तार होते हैं फिर भी शराब माफिया का कारोबार फलता फूलता रहता है। आखिर क्यों? सवाल उत्पाद विभाग की टीम पर भी उठना है जब इन्हें सूचना पहले ही मिल जाती है की उत्तर प्रदेश से शराब के खेमे लेकर लोग चले हैं उसके बावजूद भी उनकी नींद नहीं टूटती है शराब उत्तर प्रदेश से चलकर सिवान पहुंचता है और सिवान के रास्ते छपरा में पूरे शहर को पार कर जाता है और कक्षा में जाकर उत्पाद विभाग की टीम उसे गिरफ्तार करती है तो क्या सीमावर्ती क्षेत्र में किसी प्रकार का जांच अभियान नहीं चलता सीमावर्ती क्षेत्र से कैसे प्रवेश कर जाते हैं का शराब कारोबारी यह सबसे बड़ा सवाल उठता है कई थाने से होकर शराब कारोबारी छपरा शहर पहुंचते हैं और छपरा शहर से भी निकाल कर पटना की जो चल पड़ते हैं और वहां गरखा के आगे भेल्डी थाना के पहले कक्षा में शराब कारोबारी को उत्पाद विभाग की टीम पड़ती है लगभग सारण जिले में 60 से 70 किलोमीटर का सफर तय कर शराब कारोबारी शहर से बाहर निकल जाते हैं और किसी को कानों कान भनक तक नहीं लगती है कि किस तरह की सूचना इन्हें मिलती हैऔर क्यों उन पर कार्रवाई करने में इतना विलंब होता है उत्पाद विभाग की टीम पर सबसे बड़ा सवाल उठता है और इस सवाल पर ऐसे अधिकारी पर जांच तो जरूर होनी चाहिए। क्योंकि आधिकारिक खुद ही यह स्वीकार करते हैं की सूचना हमें पहले से थी, उसके बावजूद भी सीमावर्ती क्षेत्र में नहीं पकड़ कर शहर से 20 किलोमीटर दूर सर आप कारोबारी को पकड़ा जाता है जबकि वहां पर किसी प्रकार का कोई जांच अभियान या वाहन जांच केंद्र नहीं बनाए गए हैं । जिस रास्ते में बनाए गए हैं वहां से कारोबारी आसानी से निकलकर शहर में प्रवेश कर जाते हैं। उनकी जांच नहीं की जाती है । आखिर क्यों उत्पाद विभाग की टीम किस चीज का इंतजार करती रही यह समझ के पड़े हैं और सबसे बड़ा सवाल उत्पाद विभाग के तमाम टीम पर अधिकारी पर खड़ा होता है कि सूचना के बावजूद भी सीमावर्ती क्षेत्र से कैसे कारोबारी शहर में प्रवेश कर जाते हैं और सूचना के बावजूद वह नींद में उत्पाद विभाग की टीम सोए हुए रहती है।