पनामा पेपर’ के बाद अब ‘पैराडाइज पेपर्स’ में टैक्सचोरी कर विदेश में कालाधन छुपाने के मामलों से जुड़ी फाइलें सामने आई हैं, इसमें विश्व के कई देशों के प्रभावशाली हस्तियों के नाम शामिल हैं। इन निवेशकों में ब्रिटेन की महारानी की निजी जागीर भी शामिल है। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के वाणिज्य मंत्री की भी एक ऐसा कंपनी का पता चला है जो रूस के साथ व्यापार करती है और जिस पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हैं।
ये खुलासा अमेरिका के इंटरनेशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) पैराडाइज पेपर्स में किया गया है। ध्यान देने वाली बात यह कि कि आईसीआईजे ने ही पिछले साल पनामा पेपर्स के जरिए कई अहम खुलासे किए थे। इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए पैसा जुटाने वाले और सीनियर एडवाइजर स्टीफन ब्रोनफमैन ने पूर्व सीनेटर लियो कोल्बर के साथ भी करीब 60 मिलियन डॉलर का राशि टैक्स हेवन देशों में जमा की की है।
हालांकि रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया कि रॉस, ब्रोनफमैन या एलिजाबेथ की प्राइवेट प्रॉपर्टी अवैध तरीके से जुटाई गई। ब्रोनफमैन के नाम सामने आने से ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दो साल पहले ट्रूडो आर्थिक असमानता और टैक्स खत्म करने के वादे के साथ ही सत्ता में आए थे। वहीं एलिजाबेथ के टैक्स हेवंस देशों में निवेश से ये सवाल उठ सकता है कि क्या ब्रिटेन की प्रमुख होने के नाते उन्हें ऐसा करना चाहिए?
180 देशों की कई प्रमुख हस्तियों ने किया है निवेश
लिस्ट में कुल 180 देशों के नाम हैं। कंज़र्वेटिव पार्टी के पूर्व डिप्टी चेयरमैन और बड़े दानदाता, लॉर्ड एश्क्रॉफ्ट ने अपने विदेशी निवेश के प्रबंधन में नियमों की अनदेखी की हो सकती है।
ट्रंप के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने एक जहाजरानी कंपनी में निवेश बरक़रार रखा जो रूस की एक ऊर्जा कंपनी के लिए गैस और तेल का परिवहन करके सालाना करोड़ों डॉलर कमाती है।
रूस की ऊर्जा फर्म में व्लादिमीर पुतिन के दामाद और अमरीका के प्रतिबंधों का सामना कर रहे दो लोगों का भी निवेश है।
कैसे सामने आए टैक्स चोरी के दस्तावेज?
दुनिया भर के 90 मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टियम (आईसीआईजे) ने इनकी जांच की। ज़्यादातर दस्तावेज़ बरमुडा स्थित ऐपलबी कंपनी के हैं जो कानूनी सेवाए मुहैया कराती है। कंपनी के दस्तावेज़ और कैरिबियाई क्षेत्र के कार्पोरेट रजिस्टर के दस्तावेज़ जर्मन अख़बार ज़्यूड डॉयचे त्साइटुंग ने हासिल किए थे। अखबार ने अपने सूत्र सार्वजनिक नहीं किए हैं। लीक के जवाब में ऐपलबी ने कहा है, “हम इस बात को लेकर संतुष्ट हैं कि हमारी ओर से या हमारे क्लाइंट्स की ओर से कुछ भी ग़लत नहीं किया गया है।”
पिछले साल पनामा पेपर्स में भी लीक हुए थे कई दस्तावेज
पिछले वर्ष दुनिया में सबसे अधिक गोपनीयता से काम करने वाली पनामा की कंपनी मोसाक फोंसेका के लाखों कागजात लीक हो गए थे। इसमें लोग ऐसी जगह पर अपना पैसा लगाते हैं जहां टैक्स का कोई चक्कर ही नहीं हो। यानी ‘टैक्स चोरी का स्वर्ग’। खोज करने वाले पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय समूह ने 1 करोड़ 15 लाख गुप्त दस्तावेजों का निर्माण किया था। इसी में इसका भी खुलासा हुआ था कि आठ कंपनियों का नवाज शरीफ के परिवार के साथ रिश्ता है, जिसके चलते उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अपदस्थ कर दिया था। रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खास दोस्त सर्जेई रोल्दुगिन का भी नाम भी इसमें आया था। पैराडाइज की तरह भी पनामा में भी शेल कंपनियों के जरिए लोगों और कंपनियों ने पैसे, संपत्तियां या लाभ कहीं और भेजकर कम टैक्स अदा कर ज़्यादा फ़ायदा उठाया।