पटना: केंद्र सरकार पर करारा हमला करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि मोदी सरकार में जनता के पैसों की किस कदर लूट मची है यह कैग की हालिया रिपोर्ट से पता चलता है. इस रिपोर्ट में सड़क निर्माण से स्वास्थ्य व्यवस्था में हुई भयावह लूट-खसोट के बारे में बताया गया है. कैग ने एक-दो नहीं बल्कि सात घोटालों का खुलासा किया है, जिसपर भाजपा नेताओं के बोल नहीं फूट रहे हैं.उन्होंने कहा कि दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर बने द्वारका एक्सप्रेसवे के इसके दो किलोमीटर के निर्माण के लिए लागत लगभग 18 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर तय की गयी थी, लेकिन कैग के मुताबिक बाद में इसे बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया. केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि सड़क के नाम पर वह कैसा शीशमहल खड़ा कर रहे थे जो इतनी रकम उसके निर्माण में लग गयी. जितने में यह दो किमी सड़क बनी है उतने में मंगलयान मंगल ग्रह पर उतर गया.उन्होंने कहा कि इसी तरह कैग ने पांच टोल प्लाजा के ऑडिट के बाद पाया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने संशोधित शुल्क लागू न करने के कारण आम जनता से गलत तरीके से 132 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं. यह सोचने की बात है कि जब केवल पांच टोल प्लाजा में इतना बड़ा घोटाला हुआ है तब यदि इस देश के हर टोल प्लाजा का ऑडिट किया जाए तो कितने बड़े घोटाले का पता चलेगा?जदयू के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि कैग ने आयुष्मान भारत के ऑडिट में भी घालमेल को पकड़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना के 7.5 लाख लाभार्थियों को एक ही मोबाइल फोन नंबर के साथ पंजीकृत किया गया था और 88,670 मृत लोगों के नाम पर नए इलाज के लिए बीमा दावों का भुगतान किया गया था. भाजपा को बताना चाहिए कि आखिर यह पैसे किसके खाते में गये?उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त कैग ने भारतमाला प्रोजेक्ट की बिडिंग में हुए फर्जीवाड़े, अयोध्या डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने, ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पेंशन स्कीम का पैसा प्रचार में खर्च करने और एचएएल पर विमान इंजन की डिजाइन-प्रोडक्शन में गंभीर खामी के आरोप लगाए हैं, जिससे 154 करोड़ का नुकसान हुआ है. भाजपा को बताना चाहिए कि आखिर किसके शह पर यह मामले हुए हैं?