निखिल दुबे -सुप्रीम कोर्ट से नीतीश सरकार को राहत – ठोस आधार के बिना जाति गणना पर रोक नहीं, केंद्र सरकार को नोटिस जारी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 तक टली. सुप्रीम कोर्ट ने फिर एक बार बिहार में जाती है जनगणना को जारी रखने के पटना हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना व न्यायमूर्ति भट्टी ने इस मामले में केंद्र सरकार को एक हफ्ते में जब दाखिल करने की अनुमति दे दी है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज सरकार द्वारा कराए जा रहे हैं इस सर्वेक्षण में कुछ परिणाम हो सकते हैं और इसलिए हम जवाब दाखिल करना चाहेंगे. हालांकि तुषार मेहता ने जातीय सर्वे के संभावित परिणामों के बारे में पीठ को विस्तार से नहीं बताया. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि हम तब तक इस को प्रकाशित करने पर रोक नहीं लगाएंगे. जब तक इसके खिलाफ प्रथम दृष्ट मामला नहीं बनता हो. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नीतीश सरकार ने राहत की सांस ली. ऐसे नीतीश कुमार की सरकार ने जातीय जनगणना का कर्ज पूरा करवा लिया है.