Kaushlendra pandey /बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव एवं प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि अमित शाह ने बिहार के झंझारपुर में फिर से जुमलाबाजी, भ्रम की राजनीति और मिथ्या प्रचार के माध्यम से सच और सच्चाई से कोसों दूर जाकर ठगने और बरगलाने वाली बातें की।नेताओं ने कहा कि अमित शाह के सभा में लदुआ भीड़ थी जो पूरे राज्य भर से बसों में भर-भर कर लाये गये थे। उनके भाषण में चेहरे से सत्ता जाने का खौफ स्पष्ट रूप से नजर आ रहा था, उन्होंने अपने भाषण के क्रम में यह स्वीकार कर लिया कि लालू और नीतीश को जिताया और मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनाया तो क्या होगा ये समझ सकते हो। इनके द्वारा पहली बार मोदी के सत्ता और उनके नेतृत्व के प्रति जनता की जो सोच है वह स्पष्ट रूप दिखा,क्योंकि ज्वलंत मुद्दे पर जनता भाजपा से हिसाब मांग रही है। उन्हें ये बात पता है कि बिहार से भाजपा जो सत्ता से बेदखल हुई है ,उसमें लालू और नीतीश कुमार के समाजवादी सोच और नफरत के खिलाफ रोजगारपरक तथा मोहब्बत की राजनीति का जो संदेश बिहार से निकला है ,उसको देश ने स्वीकार किया है और आज इंडिया गठबंधन से उन्हे खतरा महसूस हो रहा है तभी वो बोलते-बोलते यह स्वीकार कर लिया कि आगे क्या होना है?नेताओं ने कहा कि अमित शाह ने कभी भी बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज की बातें नहीं की और ना हीं उन्होंने मनरेगा और शिक्षा मद के जो बकाया राशि है उस संबंध में चर्चा तक नहीं की ।और जिस तरह से दरभंगा एम्स के संबंध में झूठ परोसा उन्हें झंझारपुर की सभा मे मिथिलांचल के लोगों से खेद प्रकट करना चाहिए था कि प्रधानमंत्री के स्तर से मिथ्या प्रचार के कारण मिथिलांचल के लोगों की जो भावना आहत हुई है और जो अपमान हुआ वो नहीं होना चाहिए था ,लेकिन आज फिर दरभंगा में एम्स के निर्माण की बाते मे भी उन्होंने मिथ्या और सत्य से कोसो दूर की बातें की। उन्होंने दरभंगा एम्स के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार से 1250 करोड़ की राशि उपलब्ध कराने की बातें कही जबकि दूसरी ओर स्वयं अमित शाह स्वंय स्वीकार कर रहे हैं कि जमीन आवंटित नहीं हुआ है। जब जमीन हीं नहीं है तो इन्होंने राशि किस एम्स के निर्माण के लिए उपलब्ध करायी है, उसे स्पष्ट करें। जबकि बिहार सरकार ने अपने स्तर से दरभंगा एम्स के निर्माण के लिए 171 एकड़ जमीन दरभंगा बायपास के समीप जो हवाई अड्डा से 8 किलोमीटर की दूरी पर उपलब्ध करा दी है ,और उस जमीन की भरावट के लिए 300 करोड़ रूपया अतिरिक्त राशि भी राज्य सरकार ने अपने स्तर से दे दिया है। लेकिन भाजपा नहीं चाहती है कि मिथिलांचल में एम्स का निर्माण हो और इस संबंध में भाजपा राजनीति कर रही है।प्रवक्ताओं ने कहा कि जनता के राज को जंगलराज बताने वाले अमित शाह जी अगर मणिपुर की घटना का जिक्र कर दिये होते और भाजपा शासित राज्यों में जिस तरह से एनसीआरबी के रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक अपराध और अपराधिक घटनाएं होती है उस पर चर्चा किये होते तो बिहार के संबंध में वह ऐसी बातें नहीं करते क्योंकि बिहार अपराध के मामले में एनसीआरबी के रिपोर्ट के अनुसार 26वें स्थान पर है।नेताओं ने आगे कहा कि देश नफरत, उन्माद और घृणा की राजनीति को पसंद नहीं कर रहा है, लेकिन भाजपा ध्रुवीकरण की राजनीति के लिए धर्म और धार्मिक मुद्दों पर जिस तरह की भाषा और शैली इस्तेमाल करते हैं वो किसी को भी स्वीकार नहीं है। देश के लोग गंगा-जमुनी संस्कृति और महात्मा गांधी के विचारों पर चलने वाले हैं और भाजपा की ऐसी नीतियों को कभी भी स्वीकार नहीं कर सकते हैं।